Seraikela Accident: नशे में धुत 407 वाहन चालक ने ली बाइक सवार की जान, सड़क पर घंटों हंगामा
सरायकेला में 407 वाहन चालक की लापरवाही ने ली बाइक सवार की जान। जानें कैसे नशे और प्रशासनिक उदासीनता से सड़कें बनीं जानलेवा।
सरायकेला: जिले में सड़क दुर्घटनाओं की कड़ी में एक और दर्दनाक हादसा सामने आया है। शुक्रवार सुबह सरायकेला-कांड्रा मार्ग पर स्थित दुगनी कोलढीपी के पास जियो पेट्रोल पंप के समीप 407 वाहन चालक ने नशे की हालत में एक बाइक को टक्कर मार दी। इस हादसे में बाइक सवार की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतक की पहचान सीनी ओपी के बांकसाई निवासी चंदन नापित के रूप में हुई है, जो कोलाबिरा स्थित रामकृष्ण फोर्जिंग कंपनी में काम करता था। हादसे के समय चंदन ड्यूटी पर जा रहा था।
घटना के बाद गुस्से में उबले लोग
दुर्घटना के बाद घटनास्थल पर आक्रोशित लोगों ने 407 वाहन चालक की जमकर पिटाई कर दी। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को मौके पर पहुंचकर बड़ी मुश्किल से चालक को भीड़ के चंगुल से छुड़ाना पड़ा।
स्थानीय लोगों ने घटना के विरोध में सड़क जाम कर दिया, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। स्कूली बच्चों से भरी बसें भी जाम में फंस गईं।
मुआवजा और सख्त कार्रवाई की मांग
घटना के बाद मृतक के परिजन और स्थानीय लोग मुआवजे की मांग पर अड़ गए। उन्होंने प्रशासन से आरोपी चालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। सरायकेला थाना प्रभारी सतीश वार्नवाल ने दल-बल के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और आरोपी चालक को हिरासत में लिया।
जिले में सड़क दुर्घटनाओं का भयावह इतिहास
सरायकेला जिले में सड़क दुर्घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी, नशे में गाड़ी चलाना और सड़क किनारे गलत पार्किंग जैसी समस्याएं अक्सर हादसों का कारण बनती हैं।
इतिहास गवाह है कि इस मार्ग पर कई बार ऐसे हादसे हुए हैं, जिनमें लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। प्रशासन ने कई बार ड्रिंक एंड ड्राइव और गलत पार्किंग पर कार्रवाई का वादा किया, लेकिन सख्ती की कमी के चलते सड़कें आज भी जानलेवा बनी हुई हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े?
जिले में हर महीने सड़क दुर्घटनाओं में दर्जनों जानें जा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क सुरक्षा जागरूकता की कमी और प्रशासनिक उदासीनता इसका बड़ा कारण है।
सरायकेला-कांड्रा मार्ग पर तेज रफ्तार वाहन और गलत पार्किंग एक बड़ी समस्या है। स्थानीय लोग बार-बार इन समस्याओं के समाधान की मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
प्रशासन पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि इतने हादसों के बावजूद प्रशासन ड्रिंक एंड ड्राइव और सड़क किनारे अवैध पार्किंग पर कार्रवाई करने में असफल रहा है।
"सरायकेला-कांड्रा मार्ग पर सफर करना मौत को दावत देने जैसा हो गया है। प्रशासन को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने चाहिए।"
क्या है आगे की उम्मीद?
घटनास्थल पर जुटी भीड़ और मुआवजे की मांग से एक बार फिर सड़क सुरक्षा पर सवाल उठे हैं। पुलिस और प्रशासन के लिए यह वक्त है कि वह सख्त कदम उठाए और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियम लागू करे।
सरायकेला जैसे हादसे यह साबित करते हैं कि ट्रैफिक नियमों की अनदेखी न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह लोगों की जिंदगी को भी खतरे में डालती है।
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