सिर्फ 13 हजार सैलरी में 21 करोड़ का घोटाला! BMW खरीदी, गर्लफ्रेंड को 4BHK फ्लैट गिफ्ट किया, पुलिस तलाश में जुटी

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में 21.59 करोड़ रुपये के घोटाले ने सभी को चौंका दिया। 13 हजार की सैलरी वाले कंप्यूटर ऑपरेटर ने BMW, फ्लैट और लग्जरी आइटम्स खरीदे। जानिए पूरा मामला।

Dec 26, 2024 - 19:10
Dec 26, 2024 - 19:04
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सिर्फ 13 हजार सैलरी में 21 करोड़ का घोटाला! BMW खरीदी, गर्लफ्रेंड को 4BHK फ्लैट गिफ्ट किया, पुलिस तलाश में जुटी
सिर्फ 13 हजार सैलरी में 21 करोड़ का घोटाला! BMW खरीदी, गर्लफ्रेंड को 4BHK फ्लैट गिफ्ट किया, पुलिस तलाश में जुटी

सिर्फ 13 हजार सैलरी में 21 करोड़ का घोटाला! BMW खरीदी, गर्लफ्रेंड को 4BHK फ्लैट गिफ्ट किया, पुलिस तलाश में जुटी

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर के डिविजनल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हुए 21 करोड़ 59 लाख रुपये के घोटाले ने सभी को चौंका दिया है। यह मामला न केवल सरकारी खजाने की लूट का है बल्कि इसे अंजाम देने का तरीका और आरोपियों की शान-ओ-शौकत भरी जिंदगी भी चर्चा का विषय बन गई है। एक कंप्यूटर ऑपरेटर, जिसकी सैलरी मात्र 13 हजार रुपये थी, ने ऐसा स्कैम कर दिखाया जिसे सुनकर लोग हैरान हैं।

कैसे हुआ खुलासा?

यह मामला तब सामने आया जब स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के अधिकारी दीपक कुलकर्णी ने जवाहर नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि घोटाले के मुख्य आरोपी हर्षल कुमार अनिल क्षीरसागर ने खेल विभाग के पुराने लेटरहेड का उपयोग कर फर्जीवाड़ा किया। उसने बैंक को एक नकली ईमेल भेजा, जिसमें डिवीजनल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के बैंक खाते से जुड़े ईमेल को बदलने का अनुरोध किया गया था।

नए बनाए गए ईमेल के जरिए उसने नेटबैंकिंग सेवा सक्रिय की और 1 जुलाई से 7 दिसंबर 2024 के बीच खजाने से 21.59 करोड़ रुपये अपने और 12 अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिए।

घोटाले का इस्तेमाल: लग्जरी जीवनशैली का मजा

पुलिस जांच में यह सामने आया है कि इस रकम से हर्षल ने 1.2 करोड़ रुपये की BMW कार, 1.3 करोड़ रुपये की एक और SUV, 32 लाख रुपये की BMW मोटरसाइकिल और एक आलीशान 4BHK फ्लैट खरीदा। इतना ही नहीं, उसने अपनी गर्लफ्रेंड के लिए हीरों से जड़े चश्मे का ऑर्डर भी दिया था।

गर्लफ्रेंड को गिफ्ट में दिया गया 4BHK फ्लैट और लक्जरी गाड़ियां इस स्कैम की भव्यता को दर्शाती हैं। पुलिस ने पहले ही BMW कार और बाइक जब्त कर ली है और फ्लैट की तलाशी के दौरान केवल घरेलू सामान मिला।

इतिहास: सरकारी भ्रष्टाचार का अंतहीन सिलसिला

भारत में सरकारी खजाने से धन की हेराफेरी का इतिहास काफी पुराना है। चाहे वह चारा घोटाला हो या 2जी स्पेक्ट्रम मामला, हर बार सिस्टम की खामियां उजागर होती हैं। छोटे स्तर के कर्मचारी अक्सर बड़े पैमाने पर घोटालों में शामिल पाए जाते हैं।

छत्रपति संभाजीनगर का यह मामला इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि आरोपी हर्षल केवल एक कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी था। उसकी मासिक सैलरी महज 13 हजार रुपये थी, लेकिन उसने जो शानो-शौकत की जिंदगी जी, वह उसकी आय से बिल्कुल मेल नहीं खाती।

पुलिस की जांच और कार्रवाई

मुख्य आरोपी हर्षल फिलहाल फरार है। पुलिस ने इस मामले में अब तक दो आरोपियों, यशोदा शेट्टी और उसके पति बीके जीवन, को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में पता चला है कि हर्षल ने अपने साथियों की मदद से यह फर्जीवाड़ा किया। पुलिस ने सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है और संबंधित दस्तावेज जब्त कर लिए हैं।

डीसीपी प्रशांत कदम के अनुसार, “हमने तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मुख्य आरोपी की तलाश के लिए कई इलाकों में पुलिस की टीमें जांच कर रही हैं। यह घोटाला कई अन्य संदिग्धों से जुड़ा हो सकता है, जिनसे पूछताछ जारी है।”

कानूनी शिकंजा और आगे की चुनौती

यह घोटाला भारत में डिजिटल बैंकिंग सुरक्षा की बड़ी खामियों को उजागर करता है। ऐसे मामलों में सरकारी विभागों को न केवल अपने सिस्टम को मजबूत करना होगा, बल्कि कर्मचारियों की गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रखनी होगी।

इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि केवल 13 हजार रुपये की सैलरी पर काम करने वाले कर्मचारी ने इतने बड़े पैमाने पर घोटाला कैसे कर लिया। क्या इसके पीछे बड़े अधिकारी भी शामिल हैं?

क्या हो सकता है अगला कदम?

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पुलिस मुख्य आरोपी को पकड़ पाती है और उसके साथी कौन-कौन हैं। इस घोटाले ने आम लोगों को भी हैरान कर दिया है, क्योंकि यह सरकारी पैसे के दुरुपयोग और सिस्टम की कमजोरियों की कहानी है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।