Republic Day Poetry की पूर्व संध्या पर बरेली में हुआ भव्य कवि सम्मेलन और मुशायरा: काव्य से सजी देशभक्ति की शाम

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बरेली में हुए कवि सम्मेलन और मुशायरे में देशभक्ति और साहित्य का अनोखा संगम देखने को मिला। जानें इस आयोजन की खास बातें।

Jan 26, 2025 - 10:11
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Republic Day Poetry की पूर्व संध्या पर बरेली में हुआ भव्य कवि सम्मेलन और मुशायरा: काव्य से सजी देशभक्ति की शाम

बरेली: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बरेली के संजय गांधी कम्युनिटी हॉल में ऑल इंडिया कल्चरल एसोसिएशन और जिला समारोह समिति के संयुक्त तत्वावधान में कवि सम्मेलन और मुशायरा आयोजित हुआ। इस आयोजन ने साहित्य प्रेमियों और देशभक्ति से ओतप्रोत दर्शकों को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि रणधीर प्रसाद गौड़ धीर ने की, जबकि मुख्य अतिथि प्रसिद्ध शायर विनय सागर जायसवाल रहे।

श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करती रचनाएं :

कार्यक्रम का आरंभ कवयित्री शिव रक्षा पांडेय की माँ शारदा वंदना से हुआ। इसके बाद शायर सरवत परवेज़ ने अपनी नाते पाक प्रस्तुत कर माहौल को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया। विनय सागर जायसवाल ने अपनी कविता "सर भी झुकते हैं लाखों नमन के लिए, जान देते हैं जो भी, वतन के लिए" के जरिए दर्शकों में देशभक्ति का जोश भर दिया। दीपक मुखर्जी की पंक्तियां "अम्मी और अम्मा तुम्हें बहुत याद कर रही हैं" ने सभी को भावुक कर दिया।

रणधीर प्रसाद गौड़ धीर ने कहा:

"जनवरी छब्बीस का मंज़र नुमायां हो गया, हर कली गुल बन गई, हर गुल गुलिस्तां हो गया,"

जिसने पूरे हॉल को तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजा दिया।

गजलराज की रचना "मिट्टी के लिए खुद को मिटा क्यों नहीं देते, मां भारती का कर्ज चुका क्यों नहीं देते" ने भी श्रोताओं का दिल जीत लिया।

देशभक्ति और साहित्य का संगम

यह आयोजन केवल एक काव्य संध्या नहीं, बल्कि देशभक्ति और साहित्य के संगम का प्रतीक था। कवियों और शायरों ने अपने शब्दों से गणतंत्र दिवस का महत्व, स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, और राष्ट्र प्रेम को खूबसूरती से पिरोया।

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति

इस भव्य कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि शायर असरार नसीमी, भाजपा नेता अनिल कुमार सक्सेना और डॉ. अमित भी मौजूद रहे। संचालन की जिम्मेदारी शायर राज शुक्ल ग़ज़लराज ने बखूबी निभाई।

इतिहास: गणतंत्र दिवस और साहित्य का संबंध

गणतंत्र दिवस न केवल भारत के संविधान लागू होने की याद दिलाता है, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक और साहित्यिक धरोहर को भी नई दिशा देने का काम करता है। आजादी के बाद से कवि सम्मेलनों और मुशायरों ने देशवासियों में एकता और भाईचारे का संदेश देने में अहम भूमिका निभाई है।

सम्मेलन की विशेष उपस्थिति

कार्यक्रम में कई प्रसिद्ध कवि और शायर जैसे राजबाला धैर्य, डॉ. राजेश शर्मा, अभिषेक अग्निहोत्री, उमेश त्रिगुणायक, और असरार नसीमी ने अपनी रचनाओं से कार्यक्रम को यादगार बना दिया।

इस आयोजन को सफल बनाने में संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव शर्मा टीटू और उनकी टीम का विशेष योगदान रहा।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।