Ranchi Racket: स्कूली बच्चों को नशे में धकेलने की साजिश बेनकाब! दो गिरफ्तार
रांची पुलिस ने स्कूलों के बाहर नशे का कारोबार करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। जानें कैसे ये गिरोह स्कूली बच्चों को अपना शिकार बना रहा था और पुलिस ने इसे कैसे बेनकाब किया।

रांची: क्या आपके बच्चे भी स्कूल से लौटकर बदले-बदले नजर आ रहे हैं? क्या उनकी आदतों में अचानक बदलाव आया है? अगर हां, तो सावधान हो जाइए! झारखंड पुलिस ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है—स्कूली बच्चों को नशे का आदी बनाने की साजिश रची जा रही थी, लेकिन समय रहते पुलिस ने इसे नाकाम कर दिया। रांची पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से भारी मात्रा में नशीली दवाइयां बरामद हुई हैं।
कैसे हुआ खुलासा?
रांची के टाटीसिल्वे थाना क्षेत्र में पुलिस गश्त के दौरान एक गुप्त सूचना मिली कि सरला-बिरला स्कूल के आसपास कुछ संदिग्ध लोग सक्रिय हैं, जो स्कूली बच्चों को नशे का आदी बना रहे हैं। इस पर DIG सह SSP चंदन कुमार सिन्हा के निर्देश पर सीनियर DSP अमर कुमार पांडेय के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई और बताई गई जगह पर छापेमारी की गई।
मुख्य आरोपी गिरफ्तार, नशे का जखीरा बरामद
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शहबाज खान नाम के व्यक्ति को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। तलाशी लेने पर उसके पास से 75 बोतल कफ सिरप, 144 नशीले कैप्सूल, एक बाइक और 1340 रुपये नकद बरामद किए गए। पूछताछ में शहबाज खान ने कबूल किया कि वह अपने साथी गुड्डू खान के साथ मिलकर इस अवैध धंधे को अंजाम दे रहा था। पुलिस ने तुरंत गुड्डू खान के ठिकाने पर छापेमारी कर उसे भी गिरफ्तार कर लिया।
स्कूलों के बाहर बिछा रखा था नशे का जाल
जानकारी के मुताबिक, यह गिरोह खासतौर पर स्कूली बच्चों को निशाना बना रहा था। आरोपी बेहद चालाकी से छात्रों को शुरुआत में मुफ्त में नशीली दवाइयां देते, जिससे बच्चे धीरे-धीरे इनका आदी हो जाते। बाद में जब बच्चों को इसकी लत लग जाती, तो उनसे मोटी रकम वसूली जाती।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे समाज को गंभीर खतरा हो सकता है। स्कूल प्रबंधन और माता-पिता को अब पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
झारखंड में नशे के बढ़ते मामले—कहां चूक रही है सुरक्षा?
अगर आंकड़ों पर नजर डालें, तो झारखंड में बीते पांच वर्षों में नशे से जुड़े मामलों में करीब 40% की बढ़ोतरी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि झारखंड के कई इलाकों में नशीली दवाओं का अवैध कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, और इसे रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाने की जरूरत है।
सरकारी रिपोर्ट्स के अनुसार, झारखंड, बिहार, और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में प्रतिबंधित नशीली दवाओं की बड़ी खेप आसानी से उपलब्ध हो जाती है। यही कारण है कि स्कूली बच्चों तक यह जहर पहुंच रहा है।
अब आगे क्या? पुलिस का एक्शन प्लान
पुलिस ने इस गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है और अन्य संभावित दोषियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
इस पूरे ऑपरेशन में DSP अमर कुमार पांडेय, टाटीसिल्वे थानेदार रंजीत कुमार सिन्हा, एसआई मिंटू भारती, प्रवेश कुमार सिन्हा और एएसआई बलभद्र कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
क्या करें माता-पिता? ऐसे करें बच्चों की निगरानी
- बच्चों के व्यवहार में बदलाव पर नजर रखें – अगर वे चिड़चिड़े हो रहे हैं, अकेले रहने लगे हैं, या नई संगति में ज्यादा समय बिता रहे हैं, तो सतर्क हो जाएं।
- स्कूल से जुड़ी हर गतिविधि पर नजर रखें – जानें कि वे किन दोस्तों के साथ समय बिता रहे हैं और उनके आसपास क्या माहौल है।
- बातचीत को खुला रखें – बच्चों के साथ दोस्ताना संबंध बनाए रखें, ताकि वे किसी भी दबाव या परेशानी को आपसे साझा कर सकें।
- स्कूल प्रशासन से संपर्क बनाए रखें – स्कूल प्रबंधन से लगातार बातचीत करें और सुरक्षा उपायों पर चर्चा करें।
यह मामला साबित करता है कि नशे का काला कारोबार अब सिर्फ वयस्कों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि स्कूली बच्चों को भी जाल में फंसाया जा रहा है। लेकिन अगर अभिभावक, स्कूल प्रशासन और पुलिस मिलकर सतर्कता बरतें, तो इस खतरे से बचा जा सकता है।
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