Pipraich Land Dispute: जमीनी विवाद को धार्मिक एंगल देने की साजिश? रोहिंग्या कनेक्शन पर उठे सवाल!

गोरखपुर के पिपराइच में जमीनी विवाद को धार्मिक रंग देने की साजिश? रोहिंग्या घुसपैठ के दावे पर उठे सवाल! जानिए पूरा सच।

Mar 7, 2025 - 19:13
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Pipraich Land Dispute: जमीनी विवाद को धार्मिक एंगल देने की साजिश? रोहिंग्या कनेक्शन पर उठे सवाल!
Pipraich Land Dispute: जमीनी विवाद को धार्मिक एंगल देने की साजिश? रोहिंग्या कनेक्शन पर उठे सवाल!

गोरखपुर के पिपराइच में एक जमीनी विवाद को धार्मिक रंग देने की कोशिशों ने तूल पकड़ लिया है। मामला तब और गंभीर हो गया जब विवाद में रोहिंग्या घुसपैठ का एंगल जोड़ा जाने लगा। लेकिन अब इस दावे पर सवाल उठने लगे हैं। प्रशासनिक जांच में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं, जिससे इस पूरे विवाद की सच्चाई को लेकर नए पहलू उजागर हो रहे हैं।

कैसे भड़का विवाद?

मामला पिपराइच बाईपास कबाड़ रोड स्थित एक जमीन से जुड़ा है। स्थानीय व्यवसायी गणेश कुमार अग्रवाल का दावा है कि उन्होंने 45 डिसमिल जमीन का विधिवत बैनामा कराया था और वहां बाउंड्री बनवा रहे थे। लेकिन अचानक पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अनुपमा आर्या और उनके पति मुरारी लाल ने आपत्ति जताते हुए काम रुकवा दिया।

गणेश अग्रवाल का आरोप है कि विरोध करने के दौरान मुरारी लाल ने इस विवाद को धार्मिक रंग देने की साजिश रची और एक निर्दोष मुस्लिम युवक को रोहिंग्या बताकर माहौल को भड़काने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अब बिना किसी ठोस सबूत के एटीएस इस मामले की जांच कर रही है।

क्या कहती है पुलिस?

गोरखपुर पुलिस ने इस मामले में पांच नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि अब तक की जांच में रोहिंग्या घुसपैठ का कोई प्रमाण नहीं मिला है।

सूत्रों के अनुसार, विवादित जमीन आराजी नंबर 619 (0.117 हेक्टेयर) की है, जिस पर कई लोगों का दावा है। स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि इस जमीन पर पहले से अवैध कब्जे की कोशिशें चल रही थीं और इसे बेचने का भी खेल खेला जा रहा था।

धमकी और रंगदारी के आरोप

गणेश अग्रवाल ने एक और सनसनीखेज आरोप लगाया कि मुरारी लाल ने उनसे एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। उन्होंने कहा, "अगर मैंने पैसा दे दिया होता, तो शायद यह विवाद नहीं होता। लेकिन अब मुझ पर झूठे मुकदमे कराए जा रहे हैं और जान से मारने की धमकी दी जा रही है।"

पुराने मामलों का कनेक्शन?

सूत्रों के अनुसार, मुरारी लाल और अनुपमा आर्या के खिलाफ 2019 में भी कई संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए थे। लेकिन उस समय कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। 2025 में भी आराजी नंबर 619 से जुड़ा एक और मामला सामने आया, जहां जबरन निर्माण कार्य रुकवाने और दबंगई की शिकायतें मिली थीं।

मुख्यमंत्री तक पहुंची गुहार

गणेश अग्रवाल ने इस मामले में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की निष्क्रियता के चलते क्षेत्र में अवैध कब्जे और जमीन विवादों का खेल जारी है।

क्या सुलझेगा विवाद या जारी रहेगा संघर्ष?

अब इस पूरे मामले में प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या यह सिर्फ एक जमीनी विवाद था, जिसे धार्मिक रंग देने की कोशिश हुई? या फिर इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है? जांच जारी है और सबकी निगाहें प्रशासनिक फैसले पर टिकी हैं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।