Jamshedpur Inspection: त्योहार से पहले मिठाइयों की जांच, क्या आपके पसंदीदा ब्रांड पास होंगे?
जमशेदपुर में त्योहारों से पहले खाद्य सुरक्षा विभाग ने छप्पनभोग और न्यू गणगौर की मिठाइयों की जांच की। जानिए क्या आपकी पसंदीदा मिठाइयाँ सुरक्षित हैं?

जमशेदपुर: त्योहारों का मौसम आते ही बाजारों में मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है, लेकिन क्या ये मिठाइयाँ सुरक्षित हैं? इसी सवाल का जवाब खोजने के लिए जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी मो. मंजर ने मिठाई निर्माताओं पर सख्ती दिखाते हुए छापेमारी अभियान चलाया।
कौन-कौन सी मिठाइयाँ जांच के दायरे में आईं?
जुगसलाई स्थित प्रसिद्ध मिठाई दुकानों छप्पनभोग और न्यू गणगौर की निर्माण इकाइयों में निरीक्षण किया गया। इस दौरान गुलाब जामुन, बेसन गजक, कलाकंद और पतीसा रोल जैसी मिठाइयों के नमूने एकत्र किए गए। इन सैंपल्स को जांच के लिए राज्य खाद्य प्रयोगशाला, नामकुम भेजा जाएगा।
क्यों की जा रही है जांच?
हर साल त्योहारों में मिलावटखोरी के कई मामले सामने आते हैं। खाने-पीने की चीजों में मिलावट को रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। यदि किसी मिठाई में मिलावट या हानिकारक पदार्थ पाए जाते हैं, तो संबंधित दुकान या निर्माता पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्वच्छता और गुणवत्ता पर जोर
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने मिठाई निर्माण इकाइयों को निर्देश दिए कि –
वॉटर क्वालिटी एनालिसिस रिपोर्ट नियमित कराई जाए।
सभी कर्मियों का वार्षिक मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से रखा जाए।
निर्माण इकाइयों में साफ-सफाई और स्वच्छता के मानकों का पालन किया जाए।
मिठाइयों में मिलावट का इतिहास
भारत में मिठाइयों में मिलावट कोई नई बात नहीं है। खासकर त्योहारों के समय सिंथेटिक दूध, नकली मावा, मिलावटी घी और केमिकल युक्त रंगों का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जाता है। FSSAI (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल लाखों टन नकली मावा और मिलावटी मिठाइयाँ बाजार में आती हैं, जिससे खाद्य जनित बीमारियाँ बढ़ती हैं।
त्योहार पर मिलावट से बचने के लिए क्या करें?
हमेशा ब्रांडेड या प्रतिष्ठित दुकानों से ही मिठाई खरीदें।
अत्यधिक चमकदार या अस्वाभाविक रंग की मिठाई से बचें।
घर पर बनाना सबसे सुरक्षित विकल्प हो सकता है।
FSSAI का लाइसेंस नंबर देखकर ही खरीदारी करें।
अगला कदम क्या होगा?
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा लिए गए सैंपल की रिपोर्ट जल्द ही जारी की जाएगी। यदि इनमें मिलावट की पुष्टि होती है, तो संबंधित दुकानों और मिठाई निर्माताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन की इस कार्रवाई से मिलावटखोरों में खलबली मच गई है, जबकि आम जनता इसे सकारात्मक कदम मान रही है।
तो क्या आपकी पसंदीदा मिठाई इस जांच में पास होगी? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं!
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