Ranchi Record: शराब की रिकॉर्डतोड़ बिक्री, जानें नये साल का पूरा आंकड़ा
रांची समेत झारखंड के जिलों में नये साल पर शराब की रिकॉर्डतोड़ बिक्री हुई। 30 दिसंबर से 1 जनवरी तक करीब 60 करोड़ रुपये की शराब बिकी। जानें जिलेवार बिक्री का पूरा लेखा-जोखा।
नये साल का जश्न झारखंड में बेहद खास रहा, लेकिन इस बार यह जश्न शराब की रिकॉर्डतोड़ बिक्री के लिए चर्चा में है। राज्य भर में 30 दिसंबर से 1 जनवरी तक करीब 60 करोड़ रुपये की शराब बिकी। आंकड़ों के अनुसार, इस साल 31 दिसंबर और 1 जनवरी को शराब की खपत ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए।
तीन दिनों में 60 करोड़ की बिक्री का आंकड़ा
- 30 दिसंबर: 14.58 करोड़ रुपये
- 31 दिसंबर: 27.52 करोड़ रुपये (सबसे अधिक)
- 1 जनवरी: 18 से 19 करोड़ रुपये
पिछले साल 31 दिसंबर को 24 करोड़ की शराब बिकी थी, जबकि इस बार यह आंकड़ा लगभग 3.50 करोड़ अधिक हो गया।
जिलेवार बिक्री का लेखा-जोखा
इस साल की सबसे अधिक शराब की खपत रांची में हुई। इसके बाद पूर्वी सिंहभूम, हजारीबाग और सरायकेला ने अपना स्थान बनाया।
- रांची: 31 दिसंबर को 5.10 करोड़ रुपये की बिक्री (अब तक का सर्वाधिक)
- पूर्वी सिंहभूम, हजारीबाग, सरायकेला: 2 करोड़ रुपये से अधिक
- बोकारो, देवघर, गिरिडीह, पलामू, रामगढ़: 1 करोड़ रुपये से अधिक
- जामताड़ा: सबसे कम 19.65 लाख रुपये
इतिहास और शराब की बढ़ती खपत
झारखंड में नये साल का जश्न हर साल भव्य होता है। लेकिन शराब की खपत का यह आंकड़ा दर्शाता है कि यहां लोग जश्न के लिए शराब को प्राथमिकता देते हैं।
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शराब संस्कृति की शुरुआत:
झारखंड में शराब की खपत 2000 के दशक में तेजी से बढ़ी। बड़े शहरों जैसे रांची और जमशेदपुर में पब और बार का विस्तार भी इसका एक बड़ा कारण है। -
राजस्व पर असर:
शराब की बिक्री से राज्य सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व प्राप्त होता है। 2023-24 के वित्तीय वर्ष में झारखंड सरकार ने शराब से करोड़ों रुपये का राजस्व अर्जित किया।
31 दिसंबर: क्यों सबसे अधिक बिक्री?
31 दिसंबर को नये साल की पूर्व संध्या पर पार्टियों और उत्सवों का माहौल होता है। इस दिन लोग शराब खरीदने में सबसे अधिक खर्च करते हैं।
- रांची का रिकॉर्ड:
रांची ने 31 दिसंबर को 5.10 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री के साथ अपना ही पिछला रिकॉर्ड तोड़ा।
सवाल जो उठते हैं
- क्या शराब की बढ़ती खपत स्वास्थ्य और सामाजिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है?
- सरकार को राजस्व बढ़ाने के साथ शराब की खपत को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?
- क्या युवाओं के बीच शराब का बढ़ता प्रचलन चिंताजनक है?
झारखंड में नये साल का जश्न भले ही खुशियों से भरा रहा हो, लेकिन शराब की रिकॉर्डतोड़ बिक्री समाज के लिए एक नई चुनौती पेश करती है। यह देखना होगा कि आने वाले वर्षों में सरकार इस प्रवृत्ति को कैसे संतुलित करती है।
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