DGP Fake Facebook Profile: रांची में साइबर ठगी का नया मामला, डीजीपी का फर्जी प्रोफाइल बना भेजी जा रही फ्रेंड रिक्वेस्ट

रांची में साइबर अपराधियों ने राज्य के डीजीपी का फर्जी प्रोफाइल बना लिया है और लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जा रही है। जानें पूरा मामला।

Feb 9, 2025 - 18:15
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DGP Fake Facebook Profile: रांची में साइबर ठगी का नया मामला, डीजीपी का फर्जी प्रोफाइल बना भेजी जा रही फ्रेंड रिक्वेस्ट
DGP Fake Facebook Profile: रांची में साइबर ठगी का नया मामला, डीजीपी का फर्जी प्रोफाइल बना भेजी जा रही फ्रेंड रिक्वेस्ट

रांची: झारखंड और पूरे देश में साइबर ठगी अब एक बड़ी समस्या बन चुकी है। आए दिन अपराधी किसी न किसी व्यक्ति को ठगी का शिकार बना रहे हैं। इस बार साइबर अपराधियों ने राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता का फर्जी प्रोफाइल बना लिया है, और इस प्रोफाइल से लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जा रही है। यह मामला सामने आने के बाद लोगों में दहशत का माहौल है। फिलहाल डीजीपी अनुराग गुप्ता ने इस मामले की जांच साइबर सेल को सौंप दी है।

कैसे हुआ संदेह?

जब लोगों ने इस फर्जी प्रोफाइल को देखा तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि डीजीपी अनुराग गुप्ता उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज सकते हैं। हालांकि, कुछ लोगों ने इसे ध्यान से देखा और महसूस किया कि नाम के स्पेलिंग में गलती थी। इसके अलावा, प्रोफाइल के बायो में जन्म स्थान देवघर दिखाया गया था, जो कि डीजीपी गुप्ता का सही जन्म स्थान नहीं था। इस पहचान में गड़बड़ी के बाद संदेह और गहरा हो गया।

डीजीपी ने की कार्रवाई

इसकी सूचना मिलते ही डीजीपी अनुराग गुप्ता ने तुरंत इसकी शिकायत फेसबुक से की और साइबर सेल को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा। पुलिस अब इस फर्जी प्रोफाइल को बनाने वाले अपराधियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया कि यह प्रोफाइल किसने और कब बनाया था।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले

यह पहली बार नहीं है, जब ऐसे फर्जी प्रोफाइल बनाए गए हों। इससे पहले भी कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के फर्जी प्रोफाइल बनाए जा चुके हैं। पूर्व डीजीपी नीरज सिन्हा का भी फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों से पैसे मांगे जा रहे थे। इसके अलावा, रांची और लातेहार जिले के डीसी का भी व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर पैसे की मांग करने का मामला सामने आया था।

साइबर अपराधियों के खिलाफ बढ़ी जागरूकता

यह मामला और इसके पहले हुए कई मामले लगातार यह साबित करते हैं कि साइबर अपराधियों के लिए अब कोई भी व्यक्ति या अधिकारी सुरक्षित नहीं है। हालांकि, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग लोगों को इन ठगी के मामलों से बचने के लिए लगातार जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं।

आगे की कार्रवाई

पुलिस ने इस मामले की जांच तेज कर दी है और अपराधियों तक जल्द पहुंचने की कोशिश की जा रही है। साथ ही, फेसबुक से इस फर्जी प्रोफाइल को बंद करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। साइबर सेल और पुलिस विभाग इस प्रकार के मामलों से निपटने के लिए लोगों को और अधिक सतर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।

साइबर ठगी के बढ़ते मामलों से यह स्पष्ट हो गया है कि लोगों को इस प्रकार के ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। साइबर सुरक्षा को लेकर सरकार और पुलिस विभाग की ओर से किए जा रहे प्रयासों को और मजबूत किया जाएगा ताकि लोग इस तरह के अपराधों से बच सकें।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।