Nawada Tragedy: दुर्घटना में तीन मौतें,जिलाधिकारी ने पीड़ित परिवारों को दिया सहायता का भरोसा
नवादा के स्टालिन नगर से मजदूरों को लेकर जा रही गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होने से तीन लोगों की मौत हो गई। जिलाधिकारी ने पीड़ित परिवारों से मिलकर हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
25 नवम्बर, 2024 : नवादा जिले के स्टालिन नगर में देर रात हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। मजदूरों को ईंट भट्ठे पर काम करने के लिए लेकर जा रही एक गाड़ी सिरनामा पुल के पास, वेना थाना (नालंदा जिला) के क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में दो मजदूर और एक दो साल की बच्ची की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए।
घटना के बाद जिलाधिकारी की तत्परता
जिलाधिकारी रवि प्रकाश ने घटना के अगले दिन स्टालिन नगर पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने इस हादसे को बेहद दुखद बताया और पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। जिलाधिकारी ने कहा, "जिला प्रशासन आपके साथ खड़ा है। हमारी प्राथमिकता है कि प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत मिले और आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के प्रयास किए जाएं।"
मजदूर पलायन रोकने पर जोर
जिलाधिकारी ने मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए विस्तृत योजनाओं की चर्चा की। उन्होंने कहा कि पलायन की वजह अक्सर गरीबी, रोजगार की कमी और शिक्षा का अभाव होती है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए जिले में मनरेगा, इंदिरा आवास योजना और अन्य सरकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।
योजनाओं की समीक्षा और निर्देश
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों से पूछा:
- मनरेगा: कितने लोगों को अब तक जॉब कार्ड मिला है?
- भूमिहीनों की सहायता: कितने परिवारों को भूमि का आवंटन किया गया है?
- आवास योजना: कितने लोगों को इंदिरा आवास योजना का लाभ मिला है?
उन्होंने श्रम अधीक्षक को निर्देश दिया कि बिहार शताब्दी योजना और अन्य योजनाओं के तहत पीड़ित परिवारों को लाभान्वित किया जाए। साथ ही, जिला कल्याण पदाधिकारी को यह सुनिश्चित करने को कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे प्रभावित परिवारों तक पहुंचे।
राहत शिविरों का आयोजन
जिलाधिकारी के निर्देश पर प्रभावित परिवारों के लिए कई शिविर लगाए गए हैं:
- राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए विशेष शिविर आयोजित किए गए।
- चिकित्सा सुविधा: घायलों का समुचित इलाज सुनिश्चित किया जा रहा है।
स्थानीय समाज से अपील
जिलाधिकारी ने समाज के प्रबुद्ध लोगों से मजदूरों के पलायन को रोकने और उनके बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने की अपील की। उन्होंने कहा, "समाज की सहभागिता से ही इन समस्याओं का स्थायी समाधान निकाला जा सकता है। बच्चों की शिक्षा और आवासीय स्कूल निर्माण के लिए जमीन चिन्हित करने का काम भी प्राथमिकता पर होगा।"
दुर्घटनाओं का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
बिहार में मजदूरों का पलायन और दुर्घटनाओं की घटनाएं नई नहीं हैं। रोजगार की तलाश में गरीब मजदूर अक्सर जोखिम उठाकर दूसरे राज्यों में जाते हैं। 2018 में भी नवादा के पास ऐसी ही एक घटना हुई थी, जहां मजदूरों से भरी गाड़ी पलटने से कई लोगों की जान गई थी। लेकिन सरकार और प्रशासन की सतर्कता ने धीरे-धीरे इन घटनाओं को कम करने की कोशिश की है।
प्रभावित परिवारों से अधिकारियों की मुलाकात
इस अवसर पर जिलाधिकारी के साथ प्रभारी जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक, जिला कल्याण पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, और अंचल अधिकारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने मौके पर ही समस्याओं का समाधान निकालने का आश्वासन दिया।
नवादा की यह घटना न केवल प्रशासन बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है। मजदूरों के पलायन को रोकने और रोजगार के बेहतर अवसर देने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है। जिलाधिकारी द्वारा उठाए गए कदम इस दिशा में एक सकारात्मक पहल हैं। अब देखना होगा कि यह प्रयास प्रभावित परिवारों को कितना राहत दिला पाता है।
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