Nawada Housing Review: नवादा में ग्रामीण आवास योजनाओं की समीक्षा, लंबित आवास पर होगा त्वरित एक्शन
नवादा में ग्रामीण आवास योजनाओं की समीक्षा बैठक हुई। जानें, लंबित आवासों की पूर्णता, किस्त भुगतान और स्वच्छता अभियान में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को दिए गए निर्देश।
नवादा: प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना और इंदिरा आवास योजना के तहत लंबित आवासों की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करते हुए, नवादा में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता उप विकास आयुक्त श्रीमती प्रियंका रानी ने की, जिसमें लंबित आवासों को जल्द से जल्द पूरा करने और लाभुकों को समय पर किस्तों का भुगतान सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
बैठक का उद्देश्य: आवास योजनाओं की त्वरित प्रगति
इस समीक्षा बैठक में ग्रामीण आवास योजनाओं की धीमी प्रगति पर चर्चा की गई। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया कि सभी लंबित आवासों को तय समय सीमा में पूरा किया जाए और लाभुकों को उनकी पात्रता के अनुसार बिना देरी के पहली, दूसरी और तीसरी किस्त का भुगतान किया जाए।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास सहायता योजना और मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत लंबित आवासों का सर्वेक्षण तेजी से कराने के निर्देश दिए गए। यह सर्वे आवास सहायक और आवास पर्यवेक्षकों की मदद से पूरा किया जाएगा, जिससे पात्र लाभुकों को शीघ्र सहायता मिल सके।
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान: ई-रिक्शा और पैडल रिक्शा की मरम्मत पर जोर
बैठक में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत ई-रिक्शा और पैडल रिक्शा की मरम्मत का मुद्दा भी उठा। इसके लिए 15वीं वित्त आयोग की राशि का उपयोग कर मरम्मत कार्य तेजी से शुरू करने का निर्देश दिया गया। यह कदम स्वच्छता अभियान को गति देने और रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद करेगा।
साथ ही, सभी डब्ल्यू और सीएससी (वाटर एंड क्लीनिंग सर्विस सेंटर) का सर्वे कर उन्हें कार्यशील बनाने का आदेश दिया गया। बीडीओ और बीसी को इन कार्यों की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया।
इतिहास: ग्रामीण आवास योजना की शुरुआत और प्रगति
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना 1985 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में गरीब परिवारों को पक्के घर उपलब्ध कराना है। इस योजना ने अब तक लाखों गरीब परिवारों की जिंदगी बदली है। 2016 में इसे संशोधित कर "सभी के लिए आवास" का लक्ष्य रखा गया, जिसमें घरों की गुणवत्ता और लाभुकों की संख्या में वृद्धि की गई।
इसी तरह, इंदिरा आवास योजना ने पिछड़े वर्गों को मजबूत आवास प्रदान करने में मदद की है। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए न्यूनतम लागत पर पक्के घर बनाए जाते हैं।
बैठक के प्रमुख निर्देश और जिम्मेदारियां
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लंबित आवासों की पूर्णता:
सभी बीडीओ को अपने क्षेत्र के लंबित आवासों को जल्द से जल्द पूरा कराने का आदेश दिया गया। -
किस्त भुगतान में तेजी:
लाभुकों को किस्त का भुगतान उनकी आवास प्रगति के अनुसार समय पर करने का निर्देश दिया गया। -
सर्वेक्षण कार्य:
मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत लंबित आवासों का सर्वेक्षण शीघ्र पूरा करने के लिए आवास सहायकों को जिम्मेदारी सौंपी गई। -
स्वच्छता पर ध्यान:
ई-रिक्शा और पैडल रिक्शा की मरम्मत का कार्य 15वीं वित्त आयोग की निधि से शुरू करने का निर्देश दिया गया।
बैठक में शामिल अधिकारी और उनकी भूमिका
इस बैठक में डीआरडीए डायरेक्टर धीरज कुमार, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी और ब्लॉक कोऑर्डिनेटर (बीसी) उपस्थित रहे। अधिकारियों ने योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने और किसी भी बाधा को दूर करने के लिए एकजुटता से काम करने का संकल्प लिया।
जनता की उम्मीदें: ग्रामीणों की राय
गांव के कई लोगों ने इस बैठक के फैसलों का स्वागत किया। लाभुकों ने उम्मीद जताई कि लंबित आवास जल्द पूरे होंगे और समय पर किस्त भुगतान से उनकी समस्याएं खत्म होंगी।
एक लाभुक ने कहा,
“हम लंबे समय से किस्त का इंतजार कर रहे थे। अब अगर सर्वे और किस्त प्रक्रिया तेज होती है, तो हमारी जिंदगी में बड़ा बदलाव आएगा।”
बैठक के अंत में उप विकास आयुक्त ने स्पष्ट किया कि योजनाओं की प्रगति पर नियमित समीक्षा की जाएगी। साथ ही, स्वच्छता अभियान को मजबूत करने और ग्रामीण रोजगार बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
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