मिड डे मील विवाद: स्कूल में चूड़ा-मूढ़ी खिलाने पर उठे सवाल, शिक्षकों पर दर्ज हुई एफआईआर
मिड डे मील विवाद: स्कूल में चूड़ा-मूढ़ी खिलाने पर उठे सवाल, शिक्षकों पर दर्ज हुई एफआईआर
गोड्डा, झारखंड – एक स्थानीय स्कूल में बच्चों को मिड डे मील में 10 दिन से चूड़ा-मूढ़ी खिलाने का मामला सामने आया है। स्कूल के अध्यापक के खिलाफ शिकायतों के बावजूद, विभाग के पदाधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। साथ ही, हाथापाई और मीडिया के साथ दुर्व्यवहार करने वाले अध्यापक के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई है।
निम्न गुणवत्ता के मिड डे मील से नाराजगी
महागामा प्रखंड के सिमरकिता घाट भंडारीडीह पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मांगन पिपरा में पिछले 10-12 दिनों से बच्चों को मिड डे मील नहीं मिल रहा था। इस भीषण गर्मी में बच्चों को चूड़ा-मूढ़ी खिलाया जा रहा था, जिससे विद्यालय के छात्र-छात्राएं और स्थानीय लोग काफी नाराज थे।
मीडिया हस्तक्षेप और एफआईआर
स्थानीय पत्रकार अब्दुल बारीक सिद्दीकी ने स्कूल के शिक्षक के खिलाफ थाना में एफआईआर दर्ज कराई। स्थानीय थाना प्रभारी ने केस दर्ज करके उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। शिकायत पत्र में विद्यालय प्रभारी नसीम अख्तर और सहायक शिक्षक सुरेंद्र हसदा को मुख्य आरोपी बनाया गया है।
शिक्षकों का बचाव
स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि विद्यालय परिसर में 5-7 दिनों से चापानल खराब होने के कारण पानी की कमी थी, जिसके कारण मिड डे मील नहीं बन रहा था और बच्चों को चूड़ा-मूढ़ी खिलाया जा रहा था। विद्यालय प्रभारी नसीम अख्तर ने कहा कि जल्द ही इस समस्या का समाधान करके मिड डे मील फिर से शुरू किया जाएगा।
लापरवाही के आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल परिसर से केवल 10 कदम की दूरी पर 2-2 हैंडपंप चालू हालत में हैं, फिर भी बच्चों को चूड़ा-मूढ़ी खिलाकर उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया गया। यह मामला उजागर होने के बावजूद विभाग के पदाधिकारियों की चुप्पी संकेत देती है कि शायद उन्हें पहले से ही यह बात पता थी या उनके निर्देशन में यह सब हो रहा था।
मीडिया और जनता की प्रतिक्रिया
संविधान के चौथे स्तंभ माने जाने वाले मीडियाकर्मियों के साथ हाथापाई करने की प्रवृत्ति शिक्षक स्वभाव के बिल्कुल विपरीत है। मिड डे मील की समस्या को उजागर करना मीडिया का मकसद था ताकि तुरंत विभाग के पदाधिकारियों का ध्यान इस ओर दिलाया जा सके।
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