Mango Waste Management Crisis: मानगो में कचरा प्रबंधन संकट, सांसद विद्युत वरण महतो की त्वरित समाधान की पहल

जमशेदपुर के मानगो नगर निगम में कचरा प्रबंधन संकट को लेकर सांसद विद्युत वरण महतो ने प्रशासन से त्वरित समाधान की मांग की। जानिए, क्या कदम उठाए जाएंगे।

Jan 3, 2025 - 15:13
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Mango Waste Management Crisis: मानगो में कचरा प्रबंधन संकट, सांसद विद्युत वरण महतो की त्वरित समाधान की पहल
Mango Waste Management Crisis: मानगो में कचरा प्रबंधन संकट, सांसद विद्युत वरण महतो की त्वरित समाधान की पहल

जमशेदपुर के मानगो नगर निगम क्षेत्र में कचरा प्रबंधन की समस्या पिछले कुछ समय से गहरी होती जा रही है। विधानसभा चुनाव के बाद से यह संकट और भी गंभीर हो गया है, जिसके समाधान के लिए सांसद विद्युत वरण महतो ने नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की और त्वरित कदम उठाने का निर्देश दिया। यह स्थिति न केवल शहर की सफाई व्यवस्था को प्रभावित कर रही है, बल्कि जनता को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

कचरा प्रबंधन की समस्या का बढ़ता संकट

मानगो नगर निगम में कचरा प्रबंधन की समस्या का समाधान अब तक नहीं हो पाया है। इस समस्या का प्रमुख कारण सही जगह पर कचरा डंपिंग न होना है। पिछले कई महीनों से प्रशासन और नगर निगम प्रयास कर रहे थे, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के कारण काम में बाधाएं आ रही थीं। सांसद महतो ने इस बारे में प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाया और कहा कि यदि कचरा निस्तारण के लिए पहले से तय की गई जमीन का उपयोग नहीं किया गया, तो यह एक बड़ी चूक है।

सांसद का प्रशासन से सवाल: 'ठेकेदारों को क्यों नहीं किया जवाबदेह?'

सांसद महतो ने बैठक में यह भी सवाल उठाया कि एक साल पहले चिन्हित की गई जमीन का आज तक उपयोग क्यों नहीं किया गया। इसके अलावा, उन्होंने कचरा प्रबंधन में लगे ठेकेदारों को जवाबदेह बनाने की बात की। उन्होंने प्रशासन से यह आग्रह किया कि अगर कचरा प्रबंधन में कोई कमी है, तो उसे तत्काल ठीक किया जाए और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

सांसद ने यह भी साफ किया कि प्रशासन की उदासीनता और लापरवाही के कारण कचरा प्रबंधन की स्थिति गंभीर हो गई है, और इसका समाधान जल्द से जल्द किया जाना चाहिए।

डीटीओ और नगर निगम अधिकारियों का बयान

नगर निगम के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। नगर आयुक्त ने कहा कि कचरा निस्तारण के प्रयास जारी हैं, लेकिन कई स्थानों पर प्रशासनिक स्तर पर सहमति नहीं बन पा रही है। उन्हें यह भी जानकारी नहीं थी कि सरायकेला जिले के रामगढ़ में कचरा डंपिंग हो रही थी, और ग्रामीणों ने इसका विरोध किया है। रामगढ़ को आदिवासी क्षेत्र और दलमा इको-सेंसेटिव जोन घोषित किया गया है, जहां कचरा फेंकने से पर्यावरण और जनजीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

कचरा प्रबंधन का वैकल्पिक समाधान

सांसद महतो ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि जल्द से जल्द एक वैकल्पिक स्थान पर कचरा डंपिंग की व्यवस्था तय की जाए, ताकि स्थानीय लोगों को कोई असुविधा न हो। उन्होंने यह भी कहा कि अगर टाटा स्टील की मदद ली जा रही है, तो उस प्रक्रिया को तेज किया जाना चाहिए। उनका मानना है कि कचरा निस्तारण का काम जितना तेजी से होगा, उतनी ही जल्दी यह समस्या हल हो सकती है।

पर्यावरणीय पहलू और भविष्य के कदम

कचरा प्रबंधन न केवल नगर निगम की जिम्मेदारी है, बल्कि यह शहर की पर्यावरणीय स्थिति को प्रभावित करता है। मानगो में बढ़ते कचरा संकट ने यह सवाल खड़ा किया है कि नगर निगम और प्रशासन पर्यावरण को बचाने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं। सांसद महतो ने प्रशासन से यह भी कहा कि पर्यावरणीय प्रभावों को ध्यान में रखते हुए कचरा प्रबंधन की योजना बनाई जाए, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न आएं।

समाधान की दिशा में प्रशासन की सक्रियता जरूरी

सांसद महतो की चिंता का मुख्य बिंदु यह था कि प्रशासन को इस समस्या को हल करने के लिए तत्काल सक्रिय कदम उठाने चाहिए। कचरा प्रबंधन का सही तरीके से संचालन न केवल शहर की सफाई को बेहतर बनाएगा, बल्कि यह स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को भी सुरक्षित रखेगा। प्रशासन को यह समझना होगा कि जनता की समस्याओं को हल करने में ही उनकी जिम्मेदारी है।

यह पहल इस बात को साबित करती है कि यदि प्रशासन और नागरिक मिलकर काम करें, तो किसी भी समस्या का समाधान जल्दी किया जा सकता है। अब यह देखना होगा कि सांसद महतो के निर्देशों के बाद प्रशासन क्या कदम उठाता है और कचरा प्रबंधन की स्थिति कब तक सुधरती है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।