क्या रघुवर दास ने जमशेदपुर को मालिकाना हक देने के वादे से किया धोखा? डॉ. अजय कुमार के सवाल और चुनौतियां
जमशेदपुर पूर्वी से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अजय कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर जमशेदपुर की जनता को मालिकाना हक के मुद्दे पर गुमराह करने का आरोप लगाया। 25 वर्षों तक सत्ता में रहने के बावजूद, उन्होंने लोगों के वादों को पूरा क्यों नहीं किया? जानिए डॉ. अजय के विचार और उनके वादे।
जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ. अजय कुमार ने शनिवार को प्रेस वार्ता में एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जमशेदपुर की जनता को 25 सालों तक मालिकाना हक देने के नाम पर गुमराह किया। डॉ. अजय कुमार के मुताबिक, रघुवर दास ने जनता को मालिकाना हक का सपना दिखाकर सत्ता तक का सफर तय किया, लेकिन अपने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने इस मुद्दे से पूरी तरह मुंह मोड़ लिया।
डॉ. अजय का कहना है कि रघुवर दास ने जनता से किए अपने वादे को भुलाकर टाटा कंपनी के हित में सबलीज की बात करनी शुरू कर दी, जिससे जमशेदपुर के बाशिंदों को उनका हक नहीं मिल सका। “यदि सरकार सबलीज देने की बात कर रही थी, तो लीज की शर्तों में जनता की सहमति के बिना बदलाव क्यों किया गया?” उन्होंने रघुवर दास पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार ने मालिकाना हक के बदले सिर्फ 10 डिसमिल जमीन पर लीज का अधिकार देने का निर्णय लिया, जो मालिकाना हक के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा साबित हुई।
डॉ. अजय कुमार ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इसे केवल जमशेदपुर की नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की गंभीर समस्या बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि वे जनता का समर्थन प्राप्त करते हैं, तो मालिकाना हक की समस्या को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के लिए एक आयोग का गठन किया जाएगा। डॉ. अजय का कहना है कि यह समस्या समाधान की सख्त जरूरत है, और वे इसके लिए गंभीर और ठोस कदम उठाने का वादा करते हैं।
यह भी देखने लायक होगा कि इस बार के चुनाव में मालिकाना हक का मुद्दा कितना अहम साबित होता है और क्या जमशेदपुर की जनता इस वादे को लेकर अपने प्रतिनिधि का चयन करती है।
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