झामुमो ने अनुशासन तोड़ने पर 15 पदाधिकारियों को 6 साल के लिए पार्टी से किया निष्कासित

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अनुशासनहीनता के चलते 15 पदाधिकारियों को 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। जानें किन-किन पर गिरी गाज और क्या है मामला।

Nov 9, 2024 - 18:51
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झामुमो ने अनुशासन तोड़ने पर 15 पदाधिकारियों को 6 साल के लिए पार्टी से किया निष्कासित
झामुमो ने अनुशासन तोड़ने पर 15 पदाधिकारियों को 6 साल के लिए पार्टी से किया निष्कासित

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने वाले 15 पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर कर दिया है। यह कार्रवाई पार्टी की पश्चिमी सिंहभूम जिला कमिटी द्वारा की गई। झामुमो जिला सचिव सोनाराम देवगम ने इस निर्णय की जानकारी पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन को पत्र के माध्यम से दी।

अनुशासन तोड़ने पर की गई सख्त कार्रवाई

सोनाराम देवगम द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी ने स्पष्ट निर्देश दिए थे। केंद्रीय, प्रदेश, जिला, प्रखंड, पंचायत और बूथ स्तर पर गठबंधन प्रत्याशियों का समर्थन करने का आदेश दिया गया था। लेकिन, कुछ पदाधिकारियों ने पार्टी के निर्देशों के विपरीत कार्य करते हुए झामुमो और इंडिया गठबंधन के साझा प्रत्याशी के खिलाफ काम किया। इसे पार्टी अनुशासन का उल्लंघन मानते हुए, इन पदाधिकारियों को सभी पदों से हटाते हुए 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया गया।

निष्कासित पदाधिकारियों के नाम

पार्टी से निष्कासित किए गए कार्यकर्ताओं में कई प्रमुख नाम शामिल हैं:

  • चक्रधरपुर प्रखंड: संजय हांसदा, मंटू गागराई, अविनाश पूर्ति, मरकुस गागराई, संजय केरकेट्टा
  • बंदगांव प्रखंड: श्याम गागराई, हरि कान्डेयांग
  • नोवामुंडी प्रखंड: इजहार राही, शेख मुख्तार उर्फ पप्पू, मो फिरोज
  • जगन्नाथपुर प्रखंड: सोहेल अहमद, राजू लागुरी, रॉबर्ट कोड़ा, भुवनेश्वर हेस्सा, कृष्णा सिंकु

इंडिया गठबंधन के प्रति निष्ठा अनिवार्य

झामुमो के केंद्रीय नेतृत्व ने सभी स्तरों पर अपने कार्यकर्ताओं को इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों का समर्थन करने का निर्देश दिया था। लेकिन, इन 15 पदाधिकारियों ने पार्टी के आदेशों का पालन नहीं किया। पार्टी का मानना है कि गठबंधन के प्रति निष्ठा आवश्यक है, और अनुशासन भंग करने वालों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं है।

पार्टी में अनुशासन का महत्व

झामुमो के इस सख्त कदम से यह संदेश गया है कि पार्टी अपने अनुशासन के प्रति बेहद गंभीर है। यह कार्रवाई अन्य कार्यकर्ताओं को भी पार्टी अनुशासन का पालन करने की प्रेरणा देगी।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।