ISL Final 2025: मोहन बागान सुपर जायंट ने किया इतिहास, दोहरा खिताब जीतकर रचा कीर्तिमान!

मोहन बागान सुपर जायंट ने कोलकाता के विवेकानंद स्टेडियम में ISL 2024-25 का फाइनल जीतकर इतिहास रच दिया। टीम ने लीग शील्ड के बाद कप खिताब भी अपने नाम किया। पढ़िए पूरा मैच का रोमांचक लेखा-जोखा।

Apr 13, 2025 - 14:33
Apr 13, 2025 - 14:38
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ISL Final 2025: मोहन बागान सुपर जायंट ने किया इतिहास, दोहरा खिताब जीतकर रचा कीर्तिमान!
ISL Final 2025: मोहन बागान सुपर जायंट ने किया इतिहास, दोहरा खिताब जीतकर रचा कीर्तिमान!

कोलकाता का वो ऐतिहासिक शनिवार, जब फुटबॉल ने जादू कर दिया। इंडियन सुपर लीग (ISL) 2024-25 के फाइनल में मोहन बागान सुपर जायंट ने बेंगलुरू एफसी को अतिरिक्त समय में 2-1 से हराकर एक ऐसा कारनामा किया जो अब तक सिर्फ एक बार हुआ था—सीजन की लीग शील्ड और कप, दोनों खिताब पर एक साथ कब्जा!

फुटबॉल की इस सुनहरी रात की शुरुआत हुई एक अनपेक्षित गोल से, जब मोहन बागान के डिफेंडर अल्बर्टो रोड्रिगेज की आत्मघाती गलती ने बेंगलुरू एफसी को 49वें मिनट में बढ़त दिला दी। रयान विलियम्स के क्रॉस पर रोड्रिगेज का गलत क्लियरेंस सीधे गोल में चला गया। इसके बाद कोलकाता की जनता की धड़कनें जैसे थम सी गईं थीं।

लेकिन फिर शुरू हुआ ऑस्ट्रेलियाई सितारों का जादू। 72वें मिनट में जैसन कमिंग्स ने पेनल्टी पर गोल दागा, जो बेंगलुरू डिफेंडर सना सिंह के हैंडबॉल के चलते मिला था। फिर मैच की सबसे रोमांचक घड़ी आई 96वें मिनट में, जब जिमी मैक्लारेन ने ग्रेग स्टीवर्ट के पास को गोल में बदलकर इतिहास रच दिया।

जिमी के इस गोल ने न सिर्फ मैच को मोहन बागान के पक्ष में मोड़ा, बल्कि उन्हें “प्लेयर ऑफ द मैच” का अवॉर्ड भी दिलाया। उनकी सटीकता और टाइमिंग ने विवेकानंद स्टेडियम की 60 हज़ार से अधिक भीड़ को रोमांच से भर दिया।

इतिहास में दूसरी बार एक ही सीजन में दोहरी जीत:
इससे पहले केवल मुंबई सिटी एफसी ने 2020-21 में यह उपलब्धि हासिल की थी। अब मोहन बागान सुपर जायंट ने खुद को उस क्लब में शामिल कर लिया है, जो किसी एक सीजन में लीग शील्ड और कप दोनों जीत सके।

गोल्डन बूट और गोल्डन ग्लव्स:
नॉर्थईस्ट यूनाइटेड के मोरक्कन स्ट्राइकर अलाएद्दीन अजारेई को उनके 23 गोल और 7 असिस्ट के लिए “गोल्डन बूट” मिला। वहीं, मोहन बागान के विशाल कैथ ने 15 क्लीन शीट और 74 बचावों के साथ “गोल्डन ग्लव्स” अपने नाम किया।

कोच जोस मोलिना की जीत में बड़ी भूमिका:
स्पेनिश कोच मोलिना के लिए यह जीत खास रही क्योंकि उन्होंने 2016 में ATK (अब मोहन बागान का पूर्व स्वरूप) के साथ भी खिताब जीता था। उन्होंने इस बार फिर अपने कोचिंग अनुभव से टीम को शिखर तक पहुंचाया।

बेंगलुरू की बहादुर हार:
बेंगलुरू एफसी की टीम ने 64% बॉल पजेशन और 10 प्रयासों के बावजूद सिर्फ एक आत्मघाती गोल से बढ़त ली, लेकिन वे उसे बरकरार नहीं रख सके। उनके कोच गेरार्ड जारागोजा के लिए यह हार काफी निराशाजनक रही, क्योंकि टीम खिताब के इतने करीब पहुंचकर चूक गई।

कोलकाता बना घरेलू मैदान पर फाइनल जीतने वाली पहली टीम:
मोहन बागान सुपर जायंट ISL इतिहास की पहली टीम बन गई जिसने घरेलू मैदान पर फाइनल जीता। इसके अलावा, वे पूरे सीजन घर में अपराजित रहने वाली चौथी टीम बन गई—दिल्ली डायनामोज़ (2016), बेंगलुरू एफसी (2018-19) और ओडिशा एफसी (2023-24) के बाद।

फुटबॉल प्रेमियों के लिए यह मैच सिर्फ एक खेल नहीं, एक इमोशनल सफर था। इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका यह मुकाबला आने वाले वर्षों तक याद रखा जाएगा। कोलकाता की रात रोशन थी—जैसे फुटबॉल की आत्मा खुद मैदान पर उतर आई हो।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।