Hazaribagh Murder: पारिवारिक विवाद ने ली खौफनाक करवट, भाभी की हत्या और दो भतीजे लहूलुहान
हजारीबाग के बड़कागांव में पारिवारिक विवाद ने खून-खराबे का रूप ले लिया। अनिल मिश्रा ने भाभी की हत्या कर दी और दो भतीजों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। जानिए पूरा मामला, कैसे एक गाय की मौत ने पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया।

हजारीबाग जिले का बड़कागांव इन दिनों एक सनसनीखेज घटना से हिल गया है। यहां रविवार की रात पारिवारिक विवाद ने इतना भयानक रूप ले लिया कि एक शख्स ने अपनी ही भाभी की जान ले ली और दो भतीजों को लहूलुहान कर दिया।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
मामला बड़कागांव थाना क्षेत्र के बादम बस स्टैंड चौक स्थित डंभाडीह का है। 26 सितंबर को अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी पूजा मिश्रा के बीच विवाद उस समय शुरू हुआ, जब घर में पाली गयी गाय की मौत हो गई। पूजा मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने गाय को मार दिया, जिससे परिवार में तनाव फैल गया। सास-बहू के बीच कहासुनी हुई और मामला इतना बढ़ा कि पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा।
इतिहास गवाह है कि झारखंड के ग्रामीण इलाकों में पालतू पशुओं का महत्व सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि भावनात्मक भी होता है। कई बार ऐसे विवाद छोटे-छोटे झगड़ों को विकराल बना देते हैं। ठीक यही हुआ मिश्रा परिवार में।
28 सितंबर की रात का खौफ
हालांकि पुलिस ने 27 सितंबर को विवाद सुलझाने की कोशिश की थी, लेकिन 28 सितंबर की रात हालात अचानक बिगड़ गए। रात करीब 8 बजे अनिल मिश्रा ने धारदार हथियार उठाया और अपने भाई विकास मिश्रा के परिवार पर टूट पड़ा।
पहले उसने अपनी भाभी राधा मिश्रा (40) पर वार किया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद उसने अपने दो भतीजों सूरज (20) और छोटू (15) को भी छुरा मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया।
गांव में दहशत और मातम
घटना इतनी अचानक हुई कि पूरा परिवार सदमे में चला गया। गांव वालों के बीच खौफ और शोक दोनों का माहौल है। घटना की सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर ललित कुमार और थाना प्रभारी कृष्ण कुमार गुप्ता पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और घायलों को पहले बड़कागांव अस्पताल, फिर हजारीबाग और आखिरकार गंभीर हालत को देखते हुए रांची के रिम्स रेफर किया गया।
इलाज के लिए पैसों की जंग
डॉक्टरों ने बताया कि दोनों घायलों की हालत बेहद नाजुक है और उन्हें तुरंत ऑपरेशन की जरूरत थी। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। ऐसे में इंस्पेक्टर और थाना प्रभारी ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए अपनी जेब से पैसे दिए और लोगों से मदद की अपील भी की।
चौंकाने वाली बात यह रही कि स्थानीय संगठनों और ग्रामीणों ने केवल एक घंटे में ही फोन-पे के जरिए लगभग एक लाख रुपये जुटा लिए। इन पैसों से दोनों भाइयों का इलाज संभव हो पाया। यह घटना झारखंड की उस सामाजिक एकता को भी सामने लाती है, जिसमें संकट की घड़ी में लोग एक-दूसरे का हाथ थाम लेते हैं।
आरोपी फरार, पुलिस की तलाश जारी
हमले के बाद आरोपी अनिल मिश्रा और उसकी पत्नी पूजा मिश्रा मौके से फरार हो गए। पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है। थाना प्रभारी का कहना है कि बहुत जल्द उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
सवाल और सबक
यह घटना कई सवाल छोड़ जाती है। क्या एक गाय की मौत परिवार के बिखराव और खून-खराबे की वजह बन सकती है? क्या झगड़े को पहले ही सुलझाया जा सकता था?
इतिहास हमें सिखाता है कि पारिवारिक विवाद अगर समय रहते शांत न किए जाएं, तो वे त्रासदी में बदल जाते हैं। मिश्रा परिवार का यह दर्दनाक किस्सा उसी की एक मिसाल है।
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