Jharkhand Protest: 9 साल से नहीं हुई शिक्षकों की बहाली पर सुलग उठा जमशेदपुर, सड़कों पर फूंका शिक्षा मंत्री का पुतला

झारखंड में पिछले 9 वर्षों से शिक्षक बहाली न होने और बीएड ट्रेंड शिक्षकों के वेतन में कटौती को लेकर छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन। जमशेदपुर में सीएम और शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका, जानिए पूरी खबर।

Apr 13, 2025 - 14:47
 0
Jharkhand Protest: 9 साल से नहीं हुई शिक्षकों की बहाली पर सुलग उठा जमशेदपुर, सड़कों पर फूंका शिक्षा मंत्री का पुतला
Jharkhand Protest: 9 साल से नहीं हुई शिक्षकों की बहाली पर सुलग उठा जमशेदपुर, सड़कों पर फूंका शिक्षा मंत्री का पुतला

जमशेदपुर का साकची गोलचक्कर रविवार को विरोध की आवाज़ों से गूंज उठा, जब ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन (AIDSO) और अन्य छात्र संगठनों ने राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने राज्य के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका और सरकार विरोधी नारे लगाए।

छात्र नेता इज्जसूल कुमार ने कहा, "2016 के बाद से झारखंड में शिक्षक नियुक्तियों पर पूरी तरह विराम लग गया है। नौ साल से शिक्षक बहाली की कोई प्रक्रिया नहीं चली, जिससे हजारों बीएड और ट्रेंड युवा खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।"

इतिहास का संदर्भ:

झारखंड राज्य का गठन वर्ष 2000 में हुआ था, और उसके बाद शिक्षा क्षेत्र में कुछ वर्षों तक नियुक्तियां नियमित रूप से होती रहीं। लेकिन 2016 के बाद से शिक्षक बहाली की प्रक्रिया लगभग ठप हो गई। राज्य में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में हजारों पद रिक्त हैं, पर सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

इतना ही नहीं, जिन पदों को भरा जाना चाहिए था, उन्हें “समायोजन” कहकर बंद कर दिया गया। इसका सीधा नुकसान उन उम्मीदवारों को हो रहा है जो वर्षों से बीएड और डीएलएड कर सरकारी नौकरी की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

छात्रों की नाराजगी क्यों है?

  • शिक्षक बहाली बंद: 2016 के बाद से कोई नई भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई।

  • रिक्त पद समायोजित: सरकार ने खाली पदों को भरने के बजाय समायोजन का रास्ता अपनाया।

  • वेतन में कटौती: बीएड और ट्रेंड शिक्षकों के वेतनमान में कटौती की जा रही है, जबकि सांसदों और विधायकों का वेतन लगातार बढ़ाया जा रहा है।

इज्जसूल कुमार कहते हैं, "जब जनप्रतिनिधियों का वेतन लाखों में बढ़ाया जा सकता है, तो शिक्षा की नींव रखने वाले शिक्षकों के वेतन में कटौती क्यों? क्या यह अन्याय नहीं है?"

प्रदर्शन की चेतावनी:

छात्र संगठनों ने साफ कहा है कि यह विरोध अभी शुरुआत है। यदि सरकार ने जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, तो राज्य भर में और बड़े आंदोलन किए जाएंगे। छात्र नेताओं ने राज्य के शिक्षा मंत्री पर आरोप लगाया कि वह युवाओं की आवाज़ सुनने के बजाय फाइलों में बहाली को दबाए बैठे हैं।

सरकार की चुप्पी पर सवाल:

इस पूरे मुद्दे पर अब तक सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है। जानकारों का मानना है कि यदि यह आंदोलन और तेज हुआ, तो विधानसभा चुनावों में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

शिक्षा बनाम राजनीति:

आज जब राज्य में शिक्षा व्यवस्था बदहाल हो चुकी है, तो सरकार की प्राथमिकता कहीं और दिख रही है। छात्रों की मांगें न तो नई हैं और न ही अव्यवहारिक। वे बस यह चाहते हैं कि राज्य के स्कूलों में योग्य शिक्षकों की बहाली हो, ताकि आने वाली पीढ़ी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

झारखंड के युवा अब चुप बैठने के मूड में नहीं हैं। शिक्षकों की बहाली, वेतन में कटौती और समायोजित पदों को लेकर जो गुस्सा अंदर ही अंदर उबल रहा था, अब सड़क पर आ चुका है। यदि सरकार ने इसे हल्के में लिया, तो यह सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, एक आंदोलन की शुरुआत हो सकती है।

"शिक्षा का अधिकार सिर्फ किताबों में नहीं, जमीनी हकीकत में दिखना चाहिए।"

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।