Jharkhand Uproar: 8000 पारा शिक्षकों के UAN नंबर लटके, मानदेय भुगतान अटका!
झारखंड के 8000 पारा शिक्षकों का UAN नंबर अब तक नहीं बना। जानिए क्यों अटका है नवंबर का मानदेय और क्या है सरकार की योजना।
झारखंड के लगभग 8000 पारा शिक्षक (सहायक अध्यापक) इन दिनों परेशान हैं। कारण है, उनका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) अब तक नहीं बन पाया, जिसकी वजह से उन्हें नवंबर महीने का मानदेय भी नहीं मिला है। राज्य के 45,000 पारा शिक्षकों में से केवल उन्हीं को भुगतान किया गया है, जिनका UAN नंबर जनरेट हो चुका है और जिनके मानदेय से EPF की कटौती की जा चुकी है।
क्या है UAN नंबर और क्यों है यह जरूरी?
UAN नंबर हर कर्मचारी का एक यूनिक आईडी होता है, जिसके जरिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के तहत उनकी सेविंग्स को ट्रैक किया जाता है। बिना UAN नंबर के EPF कटौती नहीं हो सकती, और यह कर्मचारी के लिए भविष्य में बड़ी वित्तीय सुरक्षा का आधार है।
स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग ने सभी जिलों को अविलंब UAN नंबर जनरेट करने की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। विभाग ने यह भी साफ किया है कि जिन शिक्षकों का UAN नंबर नहीं बन पाया है, उन्हें इस सप्ताह बिना EPF कटौती के मानदेय का भुगतान किया जाएगा।
शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक और नए निर्देश
रांची जिला शिक्षा अधीक्षक बादल राज ने सोमवार को जिले के सभी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें शामिल हैं:
- आठवीं प्री बोर्ड परीक्षा: जनवरी में पहली बार आयोजित होने जा रही परीक्षा के लिए स्कूलों को तैयारी के निर्देश दिए गए।
- प्रोन्नति से संबंधित मामले: इन मामलों को तेजी से निपटाने के निर्देश दिए गए।
- स्पीक रांची कार्यक्रम: शिक्षा क्षेत्र में सुधार और छात्रों की भागीदारी बढ़ाने के लिए गंभीरता से काम करने को कहा गया।
रोजगार मेले में युवाओं को मिला मौका
इसी दौरान, नगड़ी के सेम्बो स्थित सीआरपीएफ ग्रुप केंद्र में 14वें रोजगार मेले का आयोजन किया गया। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और 327 युवाओं को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्ति पत्र सौंपे।
प्रधानमंत्री का संबोधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रोजगार मेले को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “युवाओं की मेहनत और लगन से भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने के करीब है। सरकार की प्राथमिकता युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है।”
अब तक 9.25 लाख युवाओं को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नौकरी दी जा चुकी है।
क्या है आगे की राह?
पारा शिक्षकों के UAN नंबर जनरेट करने की प्रक्रिया तेज की जा रही है। शिक्षा विभाग का कहना है कि जल्द ही सभी शिक्षकों को उनका लंबित मानदेय मिल जाएगा। हालांकि, सवाल यह उठता है कि इस देरी से जिन शिक्षकों की वित्तीय स्थिति प्रभावित हुई है, उसकी भरपाई कैसे होगी?
यह घटना झारखंड में शिक्षा प्रणाली की खामियों को उजागर करती है। जहां पारा शिक्षक ग्रामीण इलाकों में शिक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, वहीं उनके अधिकार और वित्तीय सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। सरकार को जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान करना होगा ताकि शिक्षक अपने कर्तव्यों का निर्वहन बिना किसी मानसिक तनाव के कर सकें।
क्या UAN नंबर की यह प्रक्रिया शिक्षा क्षेत्र में सुधार का माध्यम बनेगी, या यह मुद्दा भी कागजों तक सीमित रह जाएगा? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
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