Dowry Harassment News: सिदगोड़ा में दहेज के लिए महिला पर अत्याचार, पति-ससुरालवालों पर दूसरी शादी की साजिश का आरोप
सिदगोड़ा की प्रियंका देवी ने ससुरालवालों पर दहेज के लिए प्रताड़ना और मारपीट का आरोप लगाया। जानें कैसे दो बच्चों के साथ महिला ने पुलिस से लगाई मदद की गुहार।
झारखंड के सिदगोड़ा थाना क्षेत्र से एक महिला द्वारा दहेज प्रताड़ना का गंभीर मामला सामने आया है। बाबुडीह बस्ती निवासी प्रियंका देवी ने अपने पति और ससुरालवालों पर दहेज के लिए शारीरिक और मानसिक अत्याचार का आरोप लगाया है। महिला शनिवार को गंभीर अवस्था में अपने दो बच्चों के साथ थाना पहुंची और पुलिस को आपबीती सुनाई।
शादी के छह माह बाद शुरू हुई प्रताड़ना
प्रियंका देवी मूल रूप से बिहार के गया जिले की रहने वाली हैं। उनकी शादी वर्ष 2018 में बाबुडीह निवासी पुष्कर चौधरी, जो टाटा स्टील में ठेका मजदूर हैं, के साथ हुई थी। विवाह के समय मायके वालों ने अपनी क्षमता के अनुसार दहेज में नकदी, गहने और अन्य उपहार दिए थे।
लेकिन शादी के छह महीने बाद से ही प्रियंका पर दहेज लाने का दबाव बनाया जाने लगा। महिला ने आरोप लगाया कि उनके ससुरालवाले और पति लगातार गहने और नकदी लाने की मांग करते रहे। जब उसने इंकार किया, तो उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
सास-ससुर पर दूसरी शादी की साजिश का आरोप
पीड़िता ने बताया कि ससुरालवालों ने उनके सारे गहने छीन लिए और अब उन्हें घर से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही, सास-ससुर अपने बेटे की दूसरी शादी की तैयारी कर रहे हैं।
प्रियंका ने ससुरालवालों पर दहेज उत्पीड़न और मारपीट का आरोप लगाते हुए सास लीला देवी, ससुर महेंद्र चौधरी, पति पुष्कर चौधरी और नंदोषी संजय चौधरी के खिलाफ सिदगोड़ा थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
थाने में पहुंचकर मदद की गुहार
शनिवार को प्रियंका अपने दो छोटे बच्चों को लेकर सिदगोड़ा थाना पहुंची। वहां उन्होंने पुलिस को बताया कि
"मेरे साथ कई बार मारपीट की गई। ससुरालवाले लगातार दबाव बना रहे हैं कि मैं अपने मायके से नकदी और गहने लेकर आऊं। मेरे इंकार करने पर उन्होंने मुझे और मेरे बच्चों को घर से बाहर निकालने की धमकी दी।"
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया और महिला को इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल भेजा।
झारखंड में दहेज प्रताड़ना: एक कड़वा सच
झारखंड समेत देश के कई हिस्सों में दहेज उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
- राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, झारखंड में हर साल सैकड़ों महिलाएं दहेज उत्पीड़न का शिकार होती हैं।
- 2019 में झारखंड में दहेज हत्या के 450 से अधिक मामले दर्ज हुए थे।
- ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं अधिक देखने को मिलती हैं, जहां महिलाएं अपने हक के लिए आवाज उठाने से कतराती हैं।
क्या कहता है कानून?
भारत में दहेज उत्पीड़न के खिलाफ कड़े कानून बनाए गए हैं:
- दहेज निषेध अधिनियम, 1961 के तहत दहेज लेना और देना दोनों अपराध है।
- भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A के तहत, पति या ससुरालवालों द्वारा महिला को शारीरिक या मानसिक प्रताड़ना देने पर कड़ी सजा का प्रावधान है।
प्रियंका के लिए लड़ाई की शुरुआत
प्रियंका ने अपनी शिकायत में स्पष्ट किया है कि वह अपने बच्चों के साथ ससुरालवालों के अन्याय का डटकर मुकाबला करेंगी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने कहा,
"हम सभी आरोपों की जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"
आप क्या कर सकते हैं?
ऐसे मामलों को गंभीरता से लेना जरूरी है। यदि आप या आपके आसपास कोई दहेज उत्पीड़न का शिकार हो, तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करें। इसके अलावा, महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना भी बेहद आवश्यक है।
न्याय की उम्मीद
सिदगोड़ा का यह मामला झारखंड में महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचारों को उजागर करता है। प्रियंका देवी की कहानी सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि उन हजारों महिलाओं की आवाज है जो दहेज के कारण अपनी जिंदगी नरक बना चुकी हैं।
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