Gumla Fraud: घर बैठे काम का झांसा, युवती से साइबर अपराधियों ने ठगे ₹5000

गुमला की 18 वर्षीय चांदनी कुमारी से साइबर अपराधियों ने ₹5000 की ठगी की। जानिए कैसे लालच देकर किया गया ठगी का यह नया तरीका।

Dec 24, 2024 - 09:58
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Gumla Fraud: घर बैठे काम का झांसा, युवती से साइबर अपराधियों ने ठगे ₹5000
Gumla Fraud: घर बैठे काम का झांसा, युवती से साइबर अपराधियों ने ठगे ₹5000

झारखंड के गुमला जिले में साइबर अपराधियों ने एक नई तरह की ठगी को अंजाम दिया है। टैंसेरा गांव की 18 वर्षीय चांदनी कुमारी को घर बैठे पेन-पेंसिल पैकिंग का काम देने का झांसा देकर ₹5000 ठग लिए गए। इस घटना ने साइबर सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कैसे हुई ठगी?

रविवार सुबह 11 बजे चांदनी के मोबाइल पर एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को नटराज कंपनी का अधिकारी बताया और घर बैठे पेन-पेंसिल पैकिंग का काम देने का लालच दिया। उसने कहा कि काम शुरू करने के लिए आधार कार्ड और रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर ₹600 जमा करने होंगे।

चांदनी ने झांसे में आकर कॉलर द्वारा भेजे गए क्यूआर कोड पर ₹600 भेज दिए। इसके बाद, सामग्री डिलीवरी के लिए कॉलर ने अतिरिक्त ₹4500 जमा करने को कहा। चांदनी ने बिना ज्यादा सोचे ₹4500 और भेज दिए। पैसे भेजने के बाद जब संपर्क करने की कोशिश की गई, तो कॉलर ने नंबर ब्लॉक कर दिया।

इसके बाद चांदनी को एहसास हुआ कि वह साइबर ठगी का शिकार हो चुकी है।

साइबर अपराधों का बढ़ता खतरा

गुमला ही नहीं, पूरे झारखंड में साइबर अपराध एक गंभीर समस्या बन चुका है। साइबर अपराधी भोले-भाले लोगों को लालच देकर ठगने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं।

  • लालच और भरोसे का खेल: साइबर अपराधी आमतौर पर लोगों को आसान कमाई के लालच में फंसाते हैं।
  • QR कोड स्कैम: QR कोड के जरिए पेमेंट करवाने के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। यह ठगी का एक आसान तरीका बन गया है।

इतिहास में साइबर अपराध

साइबर अपराध कोई नई समस्या नहीं है। इंटरनेट के शुरुआती दिनों से ही ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले सामने आते रहे हैं।

  • 2000 के दशक में फिशिंग स्कैम ने लोगों को ईमेल के जरिए ठगा।
  • हाल के वर्षों में स्मार्टफोन स्कैम और व्हाट्सएप फ्रॉड ने अपनी जगह बना ली है।
  • QR कोड का बढ़ता उपयोग भी अब साइबर अपराधियों के लिए एक नया हथियार बन चुका है।

पुलिस ने क्या कहा?

चांदनी ने गुमला थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सदर थाना प्रभारी का कहना है कि लोगों को ऐसे मामलों में सतर्क रहना चाहिए और किसी भी अनजान कॉल या लिंक पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

कैसे बचें ऐसे साइबर अपराधों से?

  1. लालच से बचें: घर बैठे आसान कमाई के झांसे में न आएं।
  2. QR कोड पर सावधानी: अनजान QR कोड पर पैसे न भेजें।
  3. अनजान कॉलर्स से सतर्क रहें: किसी भी अनजान कॉलर पर भरोसा न करें।
  4. ऑनलाइन काम को वेरिफाई करें: काम देने वाली कंपनी की प्रामाणिकता की जांच करें।
  5. साइबर हेल्पलाइन का इस्तेमाल करें: किसी ठगी का शिकार होने पर तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत करें।

गुमला की यह घटना साइबर सुरक्षा के प्रति हमारी लापरवाही को उजागर करती है। आज के डिजिटल युग में जागरूकता और सतर्कता ही साइबर अपराधों से बचने का सबसे बड़ा हथियार है।

क्या आप जानते हैं कि हर साल हजारों लोग साइबर ठगी का शिकार होते हैं? इस तरह की घटनाएं हमें सतर्क रहने की सीख देती हैं। आपके लिए यह जरूरी है कि डिजिटल ट्रांजेक्शन करते समय सतर्क रहें और दूसरों को भी इसके लिए जागरूक करें।

आपके पास भी ऐसे फोन कॉल्स आते हैं? सावधान रहें और दूसरों को भी आगाह करें। इस घटना पर आपकी राय क्या है?

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