Jharkhand Transfer: सरकार ने किए बड़े प्रशासनिक बदलाव, 7 IPS अफसरों की तैनाती
झारखंड सरकार ने सात आईपीएस अफसरों का तबादला किया। नए अधिकारियों की तैनाती से पुलिस प्रशासन में क्या बदलाव आएंगे? जानिए पूरी खबर।

रांची: झारखंड सरकार ने प्रशासनिक हलचल मचाते हुए पुलिस महकमे में बड़े पैमाने पर बदलाव किए हैं। बुधवार को गृह विभाग ने सात आईपीएस अधिकारियों का तबादला और नई तैनाती की घोषणा की। खास बात यह है कि इनमें कई सीनियर अफसरों के साथ 2021 और 2022 बैच के नए आईपीएस अफसरों को भी जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। यह फेरबदल राज्य की कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया है। आइए जानते हैं कि किन अफसरों को कहां की कमान सौंपी गई और इस बदलाव के पीछे सरकार की क्या रणनीति है?
कौन-कौन से IPS अफसर हुए इधर से उधर?
सरकार के आदेश के मुताबिक, पूर्व में होमगार्ड के डीजी रहे अनिल पालटा को अब रेल डीजी बनाया गया है। वहीं, एमएस भाटिया, जो अब तक पोस्टिंग का इंतजार कर रहे थे, उन्हें होमगार्ड डीजी की जिम्मेदारी दी गई है। पुलिस मुख्यालय में आईजी प्रोविजन के पद पर तैनात पंकज कंबोज को झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड में प्रबंध निदेशक बनाया गया है।
इसके अलावा, नए आईपीएस अधिकारियों की भी तैनाती की गई है। 2021 बैच के शुभम कुमार खंडेलवाल को एसडीपीओ सिमरिया, गौरव गोस्वामी को एसडीपीओ पतरातू के रूप में तैनात किया गया है। वहीं, 2022 बैच के वी शंकर को एसडीपीओ किस्को और शिवम प्रकाश को एसडीपीओ चक्रधरपुर की कमान सौंपी गई है।
सरकार की रणनीति और बदलाव के मायने
झारखंड सरकार द्वारा किए गए इन तबादलों को कानून-व्यवस्था सुधारने और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है। हाल के महीनों में कई जिलों में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई थी, जिसके चलते पुलिस प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा था। ऐसे में, यह कदम अपराध नियंत्रण और बेहतर सुरक्षा व्यवस्था लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
पुलिस तंत्र में बदलाव की परंपरा
अगर झारखंड के प्रशासनिक इतिहास पर नजर डालें, तो आईपीएस अफसरों के तबादले और फेरबदल कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी विभिन्न सरकारों ने अपनी रणनीतियों के तहत अधिकारियों को इधर-उधर किया है। 2019 में हेमंत सोरेन सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही पुलिस विभाग में कई बार बड़े स्तर पर बदलाव किए गए हैं। 2023 में भी झारखंड में कई जिलों के एसपी और डीआईजी स्तर के अफसरों का तबादला किया गया था।
क्या इन बदलावों से पुलिसिंग में आएगा सुधार?
झारखंड में कानून-व्यवस्था हमेशा से चर्चा का विषय रही है। हाल ही में कई जिलों में नक्सली गतिविधियों और आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई थी। सरकार का मानना है कि नए अधिकारियों की नियुक्ति से न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी, बल्कि अपराध पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
प्रशासनिक विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी राज्य में IPS अफसरों की तैनाती और तबादला एक सामान्य प्रक्रिया होती है। लेकिन यह महत्वपूर्ण होता है कि किस अफसर को किस क्षेत्र में भेजा जा रहा है और उनकी कार्यशैली कैसी है। सरकार की ओर से युवा अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों पर तैनात करना इस बात का संकेत है कि वे नई ऊर्जा और सोच के साथ काम करेंगे।
कौन रह गया पोस्टिंग से बाहर?
गृह विभाग की अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि जिन अधिकारियों को अभी किसी पद पर तैनाती नहीं मिली है, लेकिन इस बदलाव से उनकी पोस्टिंग प्रभावित हुई है, उन्हें पुलिस मुख्यालय में योगदान देने का आदेश दिया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि कुछ अधिकारियों को फिलहाल नई जिम्मेदारी नहीं मिली है, लेकिन भविष्य में उन्हें महत्वपूर्ण भूमिकाएं मिल सकती हैं।
झारखंड सरकार के इस फैसले से पुलिस विभाग में एक नई ऊर्जा और संतुलन लाने की कोशिश की गई है। अब देखना होगा कि यह बदलाव जमीनी स्तर पर कितने प्रभावी साबित होते हैं और क्या इससे राज्य की कानून-व्यवस्था में कोई ठोस सुधार देखने को मिलता है।
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