Jharkhand Relief: व्यापारियों और करदाताओं को बड़ी राहत, GST में हुआ अहम बदलाव!
झारखंड सरकार ने व्यापारियों और करदाताओं को राहत देने के लिए झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित किया। जानिए इससे क्या होगा फायदा और किन लोगों को मिलेगी राहत।

झारखंड के व्यापारियों और करदाताओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है! राज्य सरकार ने झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 को विधानसभा में पारित कर दिया है, जिससे हजारों व्यापारियों को कर संबंधी समस्याओं से निजात मिलेगी। मंगलवार को वाणिज्य कर मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने इस विधेयक को सदन के समक्ष रखा, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इस संशोधन के बाद करदाताओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ मिलेगा और अपील प्रक्रिया में भी राहत दी गई है।
क्या है इस संशोधन में खास?
संशोधित विधेयक में झारखंड माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 की कुछ महत्वपूर्ण धाराओं को बदला गया है, जिससे करदाताओं को कई तरह की राहत मिलेगी—
1. इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ
इस विधेयक के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 तक के लिए, 30 नवंबर 2021 तक फाइल किए गए जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लेने का हकदार बनाया गया है।
2. अपील फाइल करने में राहत
जीएसटी अपील फाइल करने के लिए प्री-डिपॉजिट की अधिकतम राशि को 25 करोड़ से घटाकर 20 करोड़ कर दिया गया है। इससे व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी।
3. ब्याज और पेनल्टी माफ
यदि वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए करदाता को धारा 73 के तहत नोटिस मिला था, तो उन्हें कर की राशि जमा करने पर ब्याज और पेनल्टी नहीं देनी होगी।
व्यापारियों और करदाताओं के लिए क्यों जरूरी है यह बदलाव?
झारखंड के व्यापारियों और करदाताओं को लंबे समय से जीएसटी से जुड़े नियमों की जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा था। खासतौर पर छोटे और मध्यम व्यापारियों के लिए यह बड़ी समस्या थी। इस संशोधन के बाद—
छोटे व्यापारियों को कर संबंधी बड़ी राहत मिलेगी।
अपील प्रक्रिया आसान होगी और आर्थिक बोझ कम होगा।
पुराने टैक्स मामलों में राहत मिलने से व्यापार का माहौल सुधरेगा।
GST काउंसिल की सिफारिश पर लिया गया फैसला
वाणिज्य कर मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने बताया कि यह विधेयक GST काउंसिल की सिफारिश पर पास किया गया है। इससे पहले संसद ने वित्त विधेयक, 2024 पारित किया था, जिसके बाद राज्य सरकार को भी इसमें संशोधन करना जरूरी हो गया था।
इतिहास में ऐसा पहली बार क्यों हुआ?
यह पहली बार नहीं है जब झारखंड सरकार ने व्यापारियों को राहत देने के लिए कोई बड़ा फैसला लिया हो। इससे पहले भी जीएसटी लागू होने के बाद कई बार टैक्स सुधार किए गए हैं। 2017 में जब जीएसटी लागू हुआ था, तब भी व्यापारियों को इसकी जटिलताओं की वजह से परेशानी हुई थी, लेकिन समय-समय पर बदलाव कर इसे आसान बनाया गया है।
अब व्यापारियों को क्या करना होगा?
यदि आप झारखंड में व्यापारी हैं और इस संशोधन से लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको—
अपने पिछले वित्तीय वर्षों के इनवॉइस और टैक्स रिटर्न चेक करने होंगे।
30 नवंबर 2021 तक फाइल किए गए जीएसटी में ITC क्लेम कर सकते हैं।
यदि आपके खिलाफ कोई टैक्स डिमांड जारी हुई थी, तो आप अब ब्याज और पेनल्टी से बच सकते हैं।
झारखंड सरकार का यह फैसला व्यापारियों और करदाताओं के लिए किसी राहत से कम नहीं है। इससे छोटे और मध्यम व्यापारियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा और राज्य में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। जीएसटी नियमों को आसान बनाने की यह पहल निश्चित रूप से झारखंड के व्यापार जगत को मजबूती देगी।
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