JSSC Scam: भर्ती परीक्षा में धांधली! IRB के जवान समेत 8 गिरफ्तार, पेपर लीक पर बड़ा खुलासा
JSSC की भर्ती परीक्षा में धांधली का खुलासा! IRB के 5 जवानों समेत 8 गिरफ्तार, लेकिन क्या वाकई पेपर लीक हुआ था? पढ़ें पूरी खबर!

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। राज्य की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक झारखंड सामान्य स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (JGGLCCE) में गड़बड़ी की खबरों के बाद राज्य सीआईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में भारतीय रिजर्व बटालियन (IRB) के पांच जवानों समेत कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन क्या वाकई पेपर लीक हुआ था? या यह सिर्फ अफवाह थी? आइए जानते हैं पूरी कहानी!
पेपर लीक की अफवाह और बड़ा खुलासा!
JSSC द्वारा 21 और 22 सितंबर 2023 को परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 3.04 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया था। लेकिन परीक्षा के कुछ ही दिनों बाद पेपर लीक होने की अफवाहें सोशल मीडिया पर तेज हो गईं। कई अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई और संगठित गिरोह ने इसे प्रभावित किया। लगातार बढ़ते विरोध के बाद जब सीआईडी ने जांच शुरू की, तो चौंकाने वाले खुलासे हुए।
सीआईडी की जांच में सामने आया कि परीक्षा से पहले कुछ उम्मीदवारों से एक गिरोह ने पैसे वसूले और यह दावा किया कि वे प्रश्नपत्र लीक कर देंगे। इससे परीक्षा की शुचिता पर सवाल उठे और मामला तूल पकड़ने लगा। लेकिन अब तक की जांच में मूल प्रश्नपत्र लीक होने का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
8 आरोपियों की गिरफ्तारी, लेकिन पेपर लीक साबित नहीं!
इस मामले में जिन आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें भारतीय रिजर्व बटालियन (IRB) के पांच जवान शामिल हैं। इनके अलावा, एक आरोपी असम राइफल्स का जवान, एक होमगार्ड का जवान और एक अन्य शख्स है।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम इस प्रकार हैं:
-
कुंदन कुमार उर्फ मंटू
-
रॉबिन कुमार
-
अखिलेश कुमार
-
गौरव कुमार
-
अभिलाष कुमार (सभी IRB जवान)
-
राम निवास राय (असम राइफल्स का जवान)
-
निवास कुमार राय (होमगार्ड का जवान)
-
कविराज उर्फ मोटू
इतिहास में भी हो चुके हैं ऐसे घोटाले!
यह पहली बार नहीं है जब JSSC की परीक्षा को लेकर विवाद हुआ हो। इससे पहले भी झारखंड में कई प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली के आरोप लग चुके हैं। 2016 में भी JSSC की एक परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आया था, जिसके बाद परीक्षा रद्द कर दी गई थी।
2017 में भी झारखंड हाईकोर्ट ने JSSC की परीक्षा पर सवाल उठाते हुए सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था। यही वजह है कि इस बार की परीक्षा पर भी जब सवाल उठे, तो छात्रों में आक्रोश देखने को मिला।
क्या होगी अगली कार्रवाई?
सीआईडी ने स्पष्ट किया है कि अभी तक मूल प्रश्नपत्र लीक होने का कोई प्रत्यक्ष या भौतिक सबूत नहीं मिला है। लेकिन जिन उम्मीदवारों से पैसे लिए गए, उनसे पूछताछ जारी है। अगर यह साबित होता है कि परीक्षा में धांधली हुई है, तो परीक्षा रद्द की जा सकती है। वहीं, गिरफ्तार आरोपियों से और भी खुलासे होने की उम्मीद है।
छात्रों में बढ़ रहा गुस्सा, क्या JSSC देगा जवाब?
परीक्षा घोटाले को लेकर छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। सवाल यह उठता है कि अगर पेपर लीक हुआ ही नहीं, तो उम्मीदवारों से पैसे क्यों वसूले गए? और अगर हुआ, तो अभी तक सबूत क्यों नहीं मिले?
अब देखना यह होगा कि JSSC इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या सीआईडी की जांच में और नए खुलासे सामने आते हैं या नहीं।
What's Your Reaction?






