झारखंड में लगातार बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त, दिहाड़ी मजदूरों पर असर सबसे ज्यादा
झारखंड में लगातार बारिश ने जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। दिहाड़ी मजदूरों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है, क्योंकि काम न मिलने से उनकी आजीविका प्रभावित हुई है।
पिछले तीन दिनों से झारखंड में हो रही लगातार बारिश ने पूरे राज्य का जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। लोगों को जहां एक तरफ कामकाज और दैनिक जीवन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर दिहाड़ी मजदूरों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब हो गई है। सोमवार को स्कूली बच्चों और कामकाजी लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा, हालांकि उस दिन बारिश की रफ्तार पहले की तुलना में कुछ कम थी।
दिहाड़ी मजदूरों की मुश्किलें बढ़ीं:
लगातार हो रही बारिश का सबसे अधिक प्रभाव दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है। जमशेदपुर के मानगो चौक पर हर दिन काम की तलाश में मजदूरों का जमावड़ा होता है, लेकिन बारिश के चलते उन्हें काम नहीं मिल पा रहा है। भले ही वे हर सुबह वहां एकत्रित होते हैं, लेकिन अधिकतर को बिना काम के वापस लौटना पड़ता है। रोज़ कमाने-खाने वाले मजदूरों के लिए यह स्थिति बेहद गंभीर हो गई है, क्योंकि उनकी आजीविका पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है।
मौसम विभाग का अनुमान:
झारखंड मौसम विभाग के मुताबिक, मंगलवार से मौसम में सुधार की संभावना है और बारिश से राहत मिल सकती है। पश्चिम बंगाल से आ रही हवाएं अब छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ गई हैं, जिससे झारखंड में मौसम सामान्य होने की उम्मीद है।
बारिश का आंकड़ा:
झारखंड में इस बारिश के दौरान जमशेदपुर सबसे अधिक प्रभावित शहरों में से एक है, जो 100.2 मिमी बारिश के साथ दूसरे स्थान पर है। लातेहार जिले में सबसे अधिक 106.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है। वहीं, साहिबगंज जिले में सबसे कम 6.5 मिमी बारिश हुई है।
स्थानीय प्रशासन की तैयारी:
लगातार हो रही बारिश को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने जरूरी कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है। निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए पंपिंग सिस्टम और राहत कार्यों की व्यवस्था की जा रही है, ताकि आम जनता को और अधिक परेशानियों का सामना न करना पड़े।
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