माँ का दुलारा  - अमन रंगेला

माँ की ममता का कर्ज है अनमोल, जिसे चुकाना है जीवन की हर मोल। कितना भी चुका लो कम है यह कर्ज, माँ की ममता का ऋण कभी नहीं मिटता।.....

Sep 18, 2024 - 18:26
Sep 18, 2024 - 18:20
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माँ का दुलारा  -   अमन रंगेला
माँ का दुलारा  - अमन रंगेला

माँ का दुलारा 

माँ की ममता का कर्ज है अनमोल,
जिसे चुकाना है जीवन की हर मोल।
कितना भी चुका लो कम है यह कर्ज,
माँ की ममता का ऋण कभी नहीं मिटता।

माँ की दुलार से जीवन बनता है,
माँ के प्यार से जीवन को अर्थ मिलता है।
माँ की ममता से जीवन को शक्ति मिलती है,
माँ के समर्थन से जीवन को साहस मिलता है।

माँ की ममता का कर्ज हमेशा रहता है,
जीवन में कभी खत्म नहीं होता।
इसलिए माँ को धन्यवाद देना चाहिए,
उनकी ममता के लिए जीवन भर आभारी रहना चाहिए।

स्वरचित मौलिक रचनाएं  - अंतरराष्ट्रीय 
 अमन रंगेला "अमन" सनातनी  ( हास्य कवि व्यंग्यकार )
 सावनेर नागपुर महाराष्ट्र 

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Chandna Keshri चंदना केशरी, जो गणित-विज्ञान में इंटरमीडिएट हैं, स्थानीय खबरों और सामाजिक गतिविधियों में निपुण हैं।