जमशेदपुर में इनर व्हील क्लब और संभव संस्था ने समाज सेवा की मिसाल पेश करते हुए ठंड के प्रकोप से जूझ रहे जरूरतमंदों को राहत पहुंचाई। 4 जनवरी को कोऑपरेटिव कॉलेज परिसर में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में 101 कंबलों का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ठंड के मौसम में गरीबों और वंचितों को सहायता प्रदान करना था।
इतिहास और उद्देश्य:
इनर व्हील क्लब ऑफ जमशेदपुर और संभव संस्था दोनों ही समाजसेवा के लिए जानी जाती हैं। इनर व्हील क्लब महिलाओं द्वारा संचालित एक प्रमुख संगठन है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और जरूरतमंदों की सहायता के लिए कई वर्षों से सक्रिय है। संभव संस्था भी ग्रामीण और वंचित वर्गों के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
कौन-कौन रहा शामिल?
कंबल वितरण कार्यक्रम में जमशेदपुर कोऑपरेटिव कॉलेज के प्राचार्य श्री अमर सिंह, आर.वी.एस. इंजीनियरिंग कॉलेज के सचिव व संभव संस्था के संरक्षक श्री भरत सिंह, कोल्हान विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी श्री बी.के. सिंह, इनर व्हील क्लब की अध्यक्ष श्रीमती सरिका सिंह, सदस्याएं श्रीमती अनु सहगल और श्रीमती अनीता सोलंकी उपस्थित रहीं।
जरूरतमंदों को मिली राहत:
यह कंबल वितरण विशेष रूप से आदिवासी छात्रों, कॉलेज के सुरक्षा गार्ड्स, माली और कॉलेज स्टाफ के बीच किया गया। इस पहल ने स्थानीय समुदाय के दिलों को छू लिया और कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों ने जमकर सराहना की।
क्या बोले प्रमुख सदस्य?
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इनर व्हील क्लब की अध्यक्ष, सरिका सिंह:
"हमारी कोशिश है कि समाज के वंचित तबके को राहत पहुंचाई जाए। भविष्य में भी ऐसे सेवा कार्य करते रहेंगे।"
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संभव संस्था के मुख्य संरक्षक, भरत सिंह:
"इस तरह के कार्यक्रम समाज में सकारात्मक बदलाव लाते हैं।"
ठंड में राहत क्यों जरूरी?
भारत के कई हिस्सों में ठंड के दौरान गरीब तबके को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। पर्याप्त गर्म कपड़े और संसाधनों की कमी के कारण कई बार स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में इस तरह के कंबल वितरण कार्यक्रम जीवनरक्षक साबित होते हैं।
आगे की योजना:
इनर व्हील क्लब और संभव संस्था ने आगे भी इस तरह के सेवा कार्यों को जारी रखने का संकल्प लिया है। उनका उद्देश्य सिर्फ कंबल वितरित करना नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाना भी है।
जमशेदपुर में इनर व्हील क्लब और संभव संस्था की यह पहल केवल एक कंबल वितरण कार्यक्रम नहीं बल्कि मानवता का जीवंत उदाहरण है। ऐसे प्रयास समाज को जोड़ते हैं और ठंड जैसे कठिन समय में जरूरतमंदों को राहत पहुंचाते हैं।