जमशेदपुर में स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर स्वणरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट द्वारा एक भव्य माल्यार्पण और बौद्धिक विमर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन टेल्को भुवनेश्वरी मंदिर परिसर स्थित स्वामी विवेकानंद उद्यान में हुआ। इस अवसर पर जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए और स्वामी विवेकानंद के विचारों को लेकर अपनी प्रेरणादायक बातें साझा कीं।
स्वामी विवेकानंद की जयंती: एक ऐतिहासिक अवसर
स्वामी विवेकानंद का जीवन युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। उनका जीवन भारत के आदर्शों और संस्कृति को पुनः स्थापित करने का प्रतीक बन चुका है। उनके विचारों ने ना सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया भर के लाखों लोगों को दिशा दिखाई। इस दिन, स्वामी विवेकानंद के स्मारक पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।
सरयू राय ने क्या कहा?
मुख्य अतिथि सरयू राय ने स्वामी विवेकानंद के योगदान को याद करते हुए कहा कि स्वामी जी के बारे में पूरी दुनिया जानती है। उनके नाम से ही सकारात्मक ऊर्जा का अहसास होता है। उन्होंने अपने जीवन में जो कार्य किए, उससे भारत को एक नई दिशा मिली। 39 वर्ष की आयु में स्वामी विवेकानंद ने दुनिया के सामने भारत और सनातन धर्म की महिमा को प्रस्तुत किया, और शिकागो सम्मेलन में अपनी ऐतिहासिक भाषण से पूरी दुनिया को प्रभावित किया।
राय ने आगे कहा, "भारत की आत्मा स्वामी विवेकानंद में बसी हुई है। उनका योगदान आज भी हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण है।" वे यह भी कहते हैं कि स्वामी विवेकानंद के आदर्शों से ही आज भारत विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है।
स्वामी विवेकानंद और टाटा स्टील का इतिहास
सरयू राय ने यह भी बताया कि स्वामी विवेकानंद ने प्रसिद्ध उद्योगपति जेआरडी टाटा से एक बार कहा था कि टाटा स्टील की स्थापना इस भूमि पर की जानी चाहिए। यह एक ऐतिहासिक सलाह थी, और इसके बाद टाटा स्टील की स्थापना हुई, जो आज भारत की सबसे प्रमुख स्वदेशी कंपनियों में से एक है।
राय ने कहा, "स्वामी विवेकानंद का योगदान सिर्फ देश के लिए ही नहीं, बल्कि शहर के लिए भी अमूल्य है। उनकी प्रेरणा से ही हम आज एक नई दिशा में चल रहे हैं।"
युवाओं को दिया प्रेरणादायक संदेश
स्वामी विवेकानंद ने हमेशा युवाओं को आगे बढ़ने और निरंतर प्रयास करते रहने की प्रेरणा दी। उनका प्रसिद्ध मंत्र "चरैवेति चरैवेति" यानी चलते रहिए, प्रयास करते रहिए, आज भी युवाओं के लिए एक अमूल्य धरोहर है। उन्होंने युवाओं को जीवन के हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा दी।
भुवनेश्वरी मंदिर का महत्व
कार्यक्रम के दौरान, सरयू राय ने भुवनेश्वरी मंदिर के तलहटी पर बने इस स्थान की महिमा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह स्थान यहां की आध्यात्मिकता को और बल प्रदान करेगा। उनका मानना है कि इस स्थान से निकलने वाली किरणें आम लोगों के बीच आध्यात्मिक संदेश पहुंचाने में मदद करेंगी और स्वामी विवेकानंद के विचारों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने में सहायक होंगी।
राय ने यह भी कहा कि निकट भविष्य में यहाँ ठाकुर जी और माँ शारदा को स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि यह स्थान और भी प्रभावशाली बने।
कार्यक्रम में उपस्थित अन्य विशिष्ट व्यक्ति
इस भव्य आयोजन में मंदिर के प्रमुख पुजारी आचार्य आर गोविंद राजन, आचार्य टीके सुकुमारन, जदयू के वरिष्ठ नेता सुबोध श्रीवास्तव, अशोक गोयल, कुलविंदर सिंह पन्नु, मंजु सिंह, इंद्रजीत सिंह और अन्य कई विशिष्ट व्यक्ति उपस्थित थे। सभी ने इस ऐतिहासिक अवसर पर स्वामी विवेकानंद के विचारों को सम्मानित किया और उनका मार्गदर्शन लेने का संकल्प लिया।
स्वामी विवेकानंद की धरोहर को संजोने की आवश्यकता
स्वामी विवेकानंद का जीवन और उनके विचार आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनके विचारों को फैलाना और उनके आदर्शों को अपनाना हम सभी का कर्तव्य है। इस कार्यक्रम ने एक बार फिर यह साबित किया कि स्वामी विवेकानंद के संदेश को हर उम्र के लोगों तक पहुंचाना जरूरी है।
रांची और जमशेदपुर जैसे शहरों में उनके विचारों को फैलाने के लिए ऐसे आयोजन निरंतर होने चाहिए ताकि आगामी पीढ़ी को एक सशक्त और सकारात्मक दिशा मिल सके।