Jamshedpur Rural Illegal Sand Mining: प्रशासन का कड़ा अभियान, बालू माफिया में हड़कंप
जमशेदपुर के चाकुलिया में अवैध बालू उत्खनन के खिलाफ प्रशासन का अभियान जारी है। जानिए कैसे अवैध कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
क्या आप जानते हैं कि अवैध बालू माफिया की वजह से सरकार को लाखों का नुकसान हो रहा है? चाकुलिया में चल रहे अवैध बालू उत्खनन के खिलाफ प्रशासन का कड़ा अभियान जारी है, और अब यह खबर पूरे क्षेत्र में चर्चित हो गई है। सोमवार को, अंचल अधिकारी नवीन पुरती ने सुबह-सुबह हवाई पट्टी पर अवैध बालू से लदे ट्रैक्टर संख्या जेएच05 एपी1852 को जब्त किया। जब ट्रैक्टर के चालक से किसी भी तरह का वैध चालान दिखाने के लिए कहा गया, तो वह असफल रहा। इससे यह साबित हुआ कि अवैध बालू का कारोबार किस हद तक बढ़ चुका है।
यह अभियान केवल सोमवार तक सीमित नहीं था, बल्कि इससे पहले रविवार को भी सीओ ने दो अन्य अवैध ट्रैक्टरों को जब्त कर लिया था। इस कार्रवाई से बालू माफियाओं में खलबली मच गई है। चाकुलिया और इसके आस-पास के इलाकों में बालू माफिया का नेटवर्क बहुत मजबूत हो चुका था, और प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई ना किए जाने से उनके हौसले बुलंद थे।
जानकारी के अनुसार, श्यामसुंदरपुर थाना क्षेत्र के बालीजुड़ी स्वर्णरेखा नदी घाट पर बड़े पैमाने पर अवैध रूप से बालू का उत्खनन हो रहा है। यही बालू ट्रैक्टरों पर लादकर चाकुलिया और अन्य कई इलाकों में भेजा जाता है। यह बालू माफिया पूरी तरह से बेज़रूरत का मालामाल हो रहे हैं, जबकि सरकार को लाखों का राजस्व का नुकसान हो रहा है।
यह कोई नई समस्या नहीं है। बालू माफिया का यह कारोबार कई सालों से जारी है, और प्रशासन के खिलाफ लगातार शिकायतें की जाती रही हैं। हालांकि, अब प्रशासन ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है। पूर्वी सिंहभूम जिले के उपायुक्त ने अवैध बालू उत्खनन पर रोक लगाने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है और कड़े निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद, बालू माफिया अपनी धौंस जमाए हुए हैं और प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं।
इतिहास की बात करें तो, बालू माफिया की समस्या हमारे देश में कई सालों से रही है। जब तक प्रशासन के स्तर पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक यह समस्या बनी रहती है। अवैध उत्खनन के कारण न सिर्फ पर्यावरण का नुकसान हो रहा है, बल्कि यह सरकार के खजाने को भी भारी नुकसान पहुंचा रहा है। इससे क्षेत्रीय विकास में भी रुकावटें आ रही हैं, क्योंकि यह अनियंत्रित कारोबार सड़क निर्माण, भवन निर्माण और अन्य सरकारी परियोजनाओं के लिए आवश्यक बालू की आपूर्ति को भी प्रभावित कर रहा है।
क्या प्रशासन इस अभियान को और भी सख्त बना पाएगा, या बालू माफिया अपने नेटवर्क को और मजबूत कर लेंगे? यह सवाल अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन चुका है। इस मुद्दे को लेकर प्रशासन की निगाहें अब बालू माफियाओं पर टिकी हैं।
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