Jamshedpur Cyber Fraud: झारखंड में साइबर ठगी ने बढ़ाई चिंता, जानिए कौन सा शहर है नंबर 1!

झारखंड राज्य में साइबर ठगी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। रांची, जमशेदपुर और धनबाद में साइबर अपराध ने चिंता बढ़ा दी है। जानिए कैसे आप अपनी सुरक्षा कर सकते हैं।

Jan 6, 2025 - 12:52
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Jamshedpur Cyber Fraud: झारखंड में साइबर ठगी ने बढ़ाई चिंता, जानिए कौन सा शहर है नंबर 1!
Jamshedpur Cyber Fraud: झारखंड में साइबर ठगी ने बढ़ाई चिंता, जानिए कौन सा शहर है नंबर 1!

 साइबर ठगी के मामले अब जामताड़ा से भी ज्यादा बढ़ने लगे हैं, और अब यह ठगी पूरे झारखंड राज्य में बड़े पैमाने पर फैल चुकी है। क्या आप जानते हैं कि रांची, धनबाद और जमशेदपुर जैसे शहरों में साइबर फ्रॉड के मामले पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़े हैं? चलिए, जानते हैं किस शहर ने साइबर ठगी में सबसे अधिक मामलों की सूची में स्थान पाया।

साइबर फ्रॉड की घटनाओं के आंकड़े हैरान करने वाले हैं। 2019 से लेकर 2024 तक जामताड़ा में 438 मामले दर्ज किए गए, जबकि जमशेदपुर में यह संख्या 485 रही। लेकिन, जब बात रांची की आती है तो आंकड़े और भी चौंकाने वाले हैं। रांची में 3000 से ज्यादा साइबर ठगी के मामले सामने आए, जो इस बात को साबित करते हैं कि झारखंड राज्य में साइबर ठगी का बढ़ता हुआ खतरा है। इसके अलावा, धनबाद में 616 मामले, देवघर में 491, और हजारीबाग में 435 मामले रिपोर्ट किए गए हैं।

साइबर ठगी की ये घटनाएं समाज के हर वर्ग के लोगों को प्रभावित कर रही हैं, और ये मामले न केवल वित्तीय नुकसान का कारण बन रहे हैं, बल्कि लोगों की व्यक्तिगत जानकारी भी चुराई जा रही है। साइबर फ्रॉड में OTP की ठगी सबसे आम है। जमशेदपुर में दर्ज 485 मामलों में से 282 में ओटीपी से ठगी हुई है, जिसमें लोगों के खाते से लाखों रुपये उड़ा लिए गए। इस तरह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिसमें अपराधी लोगों को धोखे से ओटीपी प्राप्त कर उनके अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं।

यहां तक कि एटीएम क्लोनिंग और फर्जी लिंक भेजकर भी ठगी की घटनाएं हो रही हैं। सोशल मीडिया के जरिए सेक्सटॉर्शन फ्रॉड, ओएलएक्स या ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के माध्यम से ठगी, और सोशल मीडिया द्वारा की जाने वाली साइबर बुलिंग जैसी घटनाएं भी शामिल हैं। ये सभी घटनाएं लोगों को मानसिक रूप से परेशान कर देती हैं, और उनका विश्वास साइबर दुनिया से उठने लगता है।

क्या है आपकी सुरक्षा कमजोरियां? आपकी निजता का उल्लंघन उन छोटे-छोटे गलतियों से होता है, जो हम अक्सर अनजाने में करते हैं। जैसे कि सोशल मीडिया पर अपनी जानकारी शेयर करना, अनजान लिंक पर क्लिक करना, या कॉल करने वाले व्यक्ति को अपना खाता विवरण देना। इसके अलावा, ऐप इंस्टॉल करते समय बिना शर्तें पढ़े "यस" बटन दबाने से भी आपका डेटा चोरी हो सकता है। इस तरह की छोटी-छोटी गलती से आप साइबर अपराधियों का शिकार बन सकते हैं।

कैसे बचें साइबर ठगी से? साइबर ठगी से बचने के लिए हमें कुछ सतर्कता अपनानी चाहिए। सबसे पहले, किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें और ओटीपी के लिए आपको किसी भी कॉल या मैसेज से सजग रहना चाहिए। हमेशा अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें और किसी को भी अपने खाते के बारे में जानकारी न दें। इसके अलावा, आपके द्वारा डाउनलोड किए गए ऐप्स की प्राइवेसी पॉलिसी को पढ़ने की आदत डालें।

साइबर सुरक्षा के लिए प्रशासन की पहल रांची और अन्य शहरों में साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है, और लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके बावजूद, साइबर ठगी के मामलों में कमी आने के बजाय लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे यह साबित होता है कि इस दिशा में और भी मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।