जमशेदपुर नगर निगम में 1.33 करोड़ का बड़ा घोटाला: अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोप

जमशेदपुर में मानगो नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से 1.33 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। बिना काम किए ठेकेदार को भुगतान का मामला उजागर।

Oct 22, 2024 - 17:57
Oct 22, 2024 - 18:05
 0
जमशेदपुर नगर निगम में 1.33 करोड़ का बड़ा घोटाला: अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोप
जमशेदपुर नगर निगम में 1.33 करोड़ का बड़ा घोटाला: अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोप

22 अक्टूबर 2024: जमशेदपुर के मानगो नगर निगम में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। यह मामला झारखंड सरकार और केंद्र सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाने से जुड़ा है। जानकारी के अनुसार, 15वें वित्त आयोग से निकाली गई चार योजनाओं के तहत 1.33 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान बिना काम किए ही ठेकेदार को कर दिया गया है। इनमें से दो योजनाओं में तो काम शुरू भी नहीं हुआ।

इस घोटाले में जिम्मेदार अधिकारियों में डीएमसी सह अपर नगर आयुक्त सुरेश यादव और जूनियर इंजीनियर सुबोध कुमार का नाम सामने आया है। जानकार बताते हैं कि यह झारखंड राज्य में पहला मामला है जब बिना कार्य के इतनी बड़ी राशि का भुगतान किया गया है। सुरेश यादव का कार्यकाल दो महीने में समाप्त हो रहा है, जिससे इस मामले की गंभीरता और बढ़ जाती है।

स्थानीय लोगों ने शिकायत की थी कि कार्यस्थल पर कोई काम नहीं हुआ। हमारी टीम वहां पहुंची और लोगों से बातचीत की। हमने जीपीएस कैमरा से फोटोग्राफी और वीडियो भी लिया। जांच में पाया गया कि दो स्थानों पर कार्य हुआ ही नहीं और दो जगहों पर 20 फीसदी काम कर पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया।

इस घोटाले के बारे में डीसी अनन्य मित्तल से बातचीत की गई। उन्होंने मामले को गंभीर बताते हुए जांच की बात कही। उन्होंने कहा कि बिना कार्य पूरा किए ठेकेदार को राशि का आवंटन नहीं हो सकता है। अगर ऐसा हुआ है, तो यह गंभीर मामला है और उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नगर एवं आवास विभाग के नियमों के अनुसार, संवेदक को एग्रीमेंट के तहत तय तिथि के छह महीने के भीतर योजना पूरी करने के बाद ही राशि का भुगतान किया जाना चाहिए। यदि कार्य में देरी होती है, तो कुल राशि का 10 प्रतिशत पेनाल्टी चार्ज कटता है। बिना कार्य शुरू किए राशि का भुगतान करना कानूनी अपराध है।

यह राशि केंद्र सरकार की ओर से 15वें वित्त आयोग के तहत दी गई थी। मामले में हुई अनियमितताओं से स्पष्ट है कि सरकारी खजाने का दुरुपयोग हुआ है। सुरेश यादव का मानगो नगर निगम में पुराना रिश्ता है। वे पहले भी कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।

सूत्र बताते हैं कि उनके पास अरबों की संपत्ति है। इनकी संपत्ति की जांच की जानी चाहिए, क्योंकि एक सरकारी मुलाजिम के पास इतनी संपत्ति होना संदेह पैदा करता है।

अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच की गई, तो कई और लोगों की गर्दन फंस सकती है। यह मामला न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि सरकार के स्तर पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। स्थानीय लोगों की मांग है कि ईडी से भी जांच कराई जाए।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।