Jamshedpur Murder: करणी सेना नेता विनय सिंह की हत्या से मचा भूचाल, जांच में उठ रहे चौंकाने वाले सवाल
जमशेदपुर में करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष विनय सिंह की हत्या ने राजनीतिक हलकों में सनसनी मचा दी है। पुलिस की पूछताछ में करीबी ही संदेह के घेरे में, व्हाट्सएप डाटा खंगालने में जुटी SIT।

जमशेदपुर का शांत दिखने वाला इलाका मानगो, रविवार की सुबह राजनीतिक हत्याकांड का गवाह बना, जब करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष विनय सिंह की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। इस घटना ने न सिर्फ इलाके में सन्नाटा फैला दिया, बल्कि झारखंड की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था को भी हिला कर रख दिया।
विनय सिंह, जिनका शहर के भूमि कारोबार, सामाजिक आंदोलन और करणी सेना से गहरा नाता रहा है, उनकी हत्या की गुत्थी अब और उलझती जा रही है। इस केस में एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं।
SIT की ताबड़तोड़ छापेमारी, 10 हिरासत में
एसएसपी किशोर कौशल के नेतृत्व में पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू की है। ग्रामीण एसपी के नेतृत्व में गठित SIT (विशेष जांच दल) अब तक करीब 10 लोगों को हिरासत में ले चुकी है।
हैरानी की बात यह है कि इन लोगों में कुछ विनय सिंह के करीबी भी शामिल हैं—वे लोग जो हत्या के विरोध में सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस को शक है कि भीतरघात की साज़िश रची गई थी, जिसमें अंदर के ही कुछ चेहरे शामिल हैं।
क्या अपनों ने दिया धोखा?
पुलिस को शक है कि विनय सिंह की हत्या सिर्फ बाहर से आए भाड़े के अपराधियों का काम नहीं, बल्कि इसके पीछे उनके ही कुछ खास लोगों की मिलीभगत हो सकती है। सूत्रों की मानें, तो हत्या से पहले विनय सिंह को कई अनजान नंबरों से कॉल आए थे, और एक संदिग्ध बाइक सवार भी कई बार उनके इलाके में घूमता देखा गया था।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने Meta कंपनी (WhatsApp की मूल कंपनी) से संपर्क कर, विनय सिंह के मोबाइल से जुड़े सभी चैट और कॉल डिटेल्स की मांग की है।
सबूतों की सफाई, मोबाइल डेटा गायब
हत्या के बाद अपराधियों ने सबसे पहला काम किया—विनय सिंह के मोबाइल से सभी डेटा डिलीट कर दिए गए। कॉल डिटेल्स, व्हाट्सएप चैट्स और यहां तक कि ऑडियो कॉल रिकॉर्ड भी मिटा दिए गए थे।
इसी वजह से पुलिस तकनीकी मदद के सहारे मोबाइल के रिकवर किए जा सकने वाले डाटा को फिर से खंगाल रही है। इस तकनीकी जांच में उम्मीद की जा रही है कि किसी न किसी कड़ी से हत्या की असली वजह सामने आ सकेगी।
जमीन का खेल या कुछ और?
विनय सिंह का नाम अक्सर भूमि विवाद और स्थानीय राजनीति में उभर कर आता रहा है। कई बार उन्होंने संपत्ति मामलों में बड़े लोगों के खिलाफ मोर्चा खोला था।
क्या यह हत्या भी किसी पुराने जमीन विवाद या वर्चस्व की लड़ाई से जुड़ी है? या फिर यह एक राजनीतिक साजिश थी, जिसमें सिंह को सिर्फ मोहरा बनाया गया?
शक के घेरे में 'करीबी'
विनय सिंह के कुछ राजनीतिक और सामाजिक सहयोगी, जिन पर पहले से कई आपराधिक आरोप हैं, उन्हें भी पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया है।
SIT यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या कोई आर्थिक लेन-देन, राजनीतिक नाराजगी, या कोई पुरानी रंजिश इस हत्या के पीछे है?
हत्याकांड में अभी कई परतें बाकी हैं
विनय सिंह की हत्या का मामला फिलहाल सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि एक गहरे षड्यंत्र का संकेत है। अब तक कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है, लेकिन SIT की कार्रवाई और तकनीकी जांच से यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में सच्चाई सामने आएगी।
अब सवाल यह है कि क्या पुलिस असल गुनहगारों तक पहुंच पाएगी, या फिर यह केस भी वक्त के साथ फाइलों में दबकर रह जाएगा?
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