Saraikela Accident: पेंशन लेने जा रही महिला की बाइक को मारी जोरदार टक्कर, भतीजे की हालत गंभीर

सरायकेला में बैंक जा रही वृद्ध महिला और उसके भतीजे को अज्ञात वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी। दोनों गंभीर रूप से घायल, जमशेदपुर रेफर। पुलिस जांच में जुटी।

Apr 23, 2025 - 13:42
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Saraikela Accident: पेंशन लेने जा रही महिला की बाइक को मारी जोरदार टक्कर, भतीजे की हालत गंभीर
Saraikela Accident: पेंशन लेने जा रही महिला की बाइक को मारी जोरदार टक्कर, भतीजे की हालत गंभीर

सरायकेला प्रखंड कार्यालय के पास बुधवार दोपहर 12:30 बजे का वक्त, जब आम दिनों की तरह सड़क पर चहल-पहल थी, तभी एक खौफनाक हादसे ने पूरे इलाके में अफरा-तफरी मचा दी। मुंडाटांड़ गांव की 60 वर्षीय वृद्ध महिला बेवला माझी और उसका 20 वर्षीय भतीजा संजय महाली अपनी बाइक से पेंशन लेने सरायकेला बैंक जा रहे थे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह सफर अस्पताल के बेड तक जा पहुंचेगा।

अचानक आया मौत जैसा मंज़र

प्रखंड कार्यालय के समीप आम बगान के पास, जैसे ही दोनों बाइक से आगे बढ़े, सामने से तेज रफ्तार में आ रहा एक अज्ञात वाहन आया और उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मारकर मौके से फरार हो गया। टक्कर इतनी भयानक थी कि संजय महाली के पैर की हड्डी बुरी तरह टूट गई, जबकि बेवला माझी का एक हाथ टूट गया

हादसे के बाद स्थानीय लोग दौड़ पड़े और फौरन एंबुलेंस को बुलाया गया। दोनों घायलों को पहले सरायकेला सदर अस्पताल लाया गया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उन्हें जमशेदपुर रेफर कर दिया गया।

पेंशन की उम्मीद, पर पहुंच गए अस्पताल

बेवला माझी अपने बुढ़ापे की राहत—पेंशन लेने अपने भतीजे संजय के साथ निकली थीं। सरायकेला का बैंक हर महीने की तरह इस बार भी उनका इंतज़ार कर रहा था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।

यह सवाल उठता है कि क्या ऐसे वृद्ध और जरूरतमंद नागरिकों की सुरक्षा का कोई इंतज़ाम नहीं है? क्या एक आम ग्रामीण बुज़ुर्ग की जान की कोई कीमत नहीं?

हादसे के पीछे कौन?

पुलिस ने अज्ञात वाहन की खोजबीन शुरू कर दी है, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है। इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे भी कुछ खास नहीं बता पा रहे हैं।

ऐसे मामलों में अक्सर देखा गया है कि ट्रक या तेज रफ्तार वाहनों के चालक घटनास्थल से भाग निकलते हैं, और पीड़ितों को छोड़ देते हैं तड़पने के लिए। सरायकेला-खरसावां जिला में ऐसे हादसे पहले भी हो चुके हैं, लेकिन कार्रवाई की रफ्तार हमेशा धीमी ही रही है।

दुर्घटनाओं का ट्रैक रिकॉर्ड: एक नजर

सरायकेला जिले में बीते तीन वर्षों में ऐसे 100 से अधिक छोटे-बड़े हादसे सामने आ चुके हैं, जिनमें से कई में दोषी वाहन चालक अब भी फरार हैं।

हर बार जिला प्रशासन सख्ती और निगरानी की बात करता है, लेकिन जमीनी हकीकत यही है कि ग्रामीण सड़कों पर सुरक्षा नाम मात्र की है

जनता में आक्रोश, प्रशासन से सवाल

इस घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर कब तक बिना नंबर प्लेट वाले वाहन, तेज रफ्तार और लापरवाह चालक लोगों की जान लेते रहेंगे और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहेगा?

क्या प्रशासन अब भी इंतजार करेगा कि किसी बड़ी राजनीतिक हस्ती या शहर के रसूखदार को चोट पहुंचे, तब जाकर कार्रवाई हो?

लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को क्यों?

बेवला माझी और संजय महाली जैसे लोग सिस्टम की लापरवाही का शिकार बनते हैं। न उनके पास बड़ा नाम होता है, न कोई पहचान। बस एक उम्मीद होती है—कि पेंशन मिल जाए, दवा चलती रहे, घर का चूल्हा जलता रहे।

लेकिन एक बेपरवाह वाहन चालक और प्रशासन की सुस्त कार्यप्रणाली ने आज उन्हें अस्पताल के बिस्तर तक पहुंचा दिया।

अब सवाल यही है—क्या दोषी पकड़ा जाएगा?, क्या बेवला और संजय को न्याय मिलेगा, या यह खबर भी कल किसी कोने में दबी रह जाएगी?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।