Tata Steel इंटर-डिवीजनल बास्केटबॉल टूर्नामेंट: कौन बना चैंपियन, किस टीम का रहा जलवा?
Tata Steel का इंटर-डिवीजनल बास्केटबॉल टूर्नामेंट संपन्न! जानें कैसे 360 खिलाड़ियों ने खेल की अद्भुत भावना दिखाई, कौन बना विजेता, और इस आयोजन का कर्मचारियों के बीच प्रतिस्पर्धा पर क्या प्रभाव पड़ा। पढ़ें पूरी खबर!
जमशेदपुर, 14 नवम्बर 2024: Tata Steel की खेल परंपरा का उदाहरण बना हाल ही में संपन्न हुआ अंतर-डिवीजनल बास्केटबॉल टूर्नामेंट, जिसमें पुरुष और महिला दोनों श्रेणियों में टीमों ने अपनी बास्केटबॉल प्रतिभा का प्रदर्शन किया। यह टूर्नामेंट 11 से 14 नवम्बर तक चला और इसका आयोजन कंपनी के स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट द्वारा किया गया था। इस आयोजन ने कर्मचारियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और खेल भावना को न केवल बढ़ावा दिया, बल्कि कंपनी की खेल संस्कृति की महत्वपूर्ण झलक भी प्रस्तुत की। इस बार के टूर्नामेंट में टाटा स्टील की 16 इकाइयों से आए 360 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिन्होंने अपनी मेहनत, टीमवर्क और खेल कौशल का परिचय दिया।
खेल में जुनून और अद्वितीय खेल भावना का प्रदर्शन
टाटा स्टील के खेल आयोजन केवल प्रतिस्पर्धा के लिए नहीं होते, बल्कि इसके पीछे कंपनी की मजबूत खेल संस्कृति को बढ़ावा देने का मकसद छिपा है। टाटा स्टील हमेशा से खेलों को कर्मचारियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी मानती आई है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री सुमित कुमार, हेड, फील्ड मेंटेनेंस मेकेनिकल ने खिलाड़ियों की तारीफ करते हुए कहा कि टाटा स्टील का यह प्रयास न केवल कर्मचारियों के बीच खेल भावना को बढ़ाता है, बल्कि टीमवर्क और सहनशक्ति जैसी कुशलताओं को भी विकसित करता है। सम्मानित अतिथि श्याम बाबू, सहायक सचिव, टाटा वर्कर्स यूनियन ने भी खिलाड़ियों को प्रेरित किया।
पुरुषों में किस टीम का रहा दबदबा?
पुरुषों की श्रेणी में इस साल शेयर्ड सर्विसेज की टीम ने अपने बेजोड़ कौशल और रणनीति से सभी का ध्यान खींचा। इस टीम ने अपने पूरे टूर्नामेंट के दौरान सामंजस्यपूर्ण खेल दिखाया और आखिरकार विजेता का खिताब अपने नाम किया। फाइनल मुकाबले में शेयर्ड सर्विसेज ने वेस्ट बोकारो की टीम को हराकर जीत हासिल की। वेस्ट बोकारो की टीम को उपविजेता का दर्जा मिला, जबकि स्टील मैन्युफैक्चरिंग ने शानदार प्रदर्शन कर दूसरा उपविजेता स्थान पाया।
महिला श्रेणी में किसने किया शानदार प्रदर्शन?
महिला वर्ग में भी कड़ी टक्कर देखने को मिली। इस श्रेणी में स्टील मैन्युफैक्चरिंग की टीम ने अपनी मेहनत और अभ्यास से बाजी मारी और विजेता का खिताब जीता। फाइनल में जनरल ऑफिस की टीम ने भी कड़ा मुकाबला किया, लेकिन अंत में स्टील मैन्युफैक्चरिंग की टीम ने उन्हें हराकर खिताब अपने नाम किया। जनरल ऑफिस की टीम उपविजेता बनी, और आयरन मेकिंग ने दूसरे उपविजेता का स्थान पाया।
टाटा स्टील की खेल परंपरा और भविष्य के लक्ष्यों की झलक
टाटा स्टील का हमेशा से मानना है कि एक स्वस्थ कार्यस्थल के निर्माण में खेल का अहम योगदान होता है। कंपनी खेल आयोजनों के माध्यम से कर्मचारियों में न केवल अनुशासन और आत्मविश्वास को बढ़ावा देती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि वे टीमवर्क और प्रतिस्पर्धात्मकता को अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में भी शामिल करें।
कंपनी की खेल संस्कृति का हिस्सा बनने वाले ये आयोजन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि कर्मचारियों के लिए एक प्रेरणादायक मंच बन चुके हैं, जहाँ वे अपने रोजमर्रा के कार्यों से अलग होकर अपनी छिपी हुई प्रतिभाओं को प्रदर्शित कर सकते हैं।
क्या कहता है इतिहास? टाटा स्टील और खेल की परंपरा
टाटा स्टील की खेल परंपरा का इतिहास बहुत पुराना है। कंपनी ने विभिन्न खेल गतिविधियों के माध्यम से कर्मचारियों को स्वस्थ और प्रेरित रखने का प्रयास किया है। जमशेदपुर शहर, जिसे टाटा स्टील का घर कहा जा सकता है, भारत में खेल गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रहा है। टाटा स्टील एशिया के सबसे पुराने स्पोर्ट्स फाउंडेशन में से एक है, और जमशेदपुर शहर में खेल संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। यह न केवल बास्केटबॉल बल्कि फुटबॉल, क्रिकेट, हॉकी जैसे खेलों में भी अपनी पहचान बना चुका है।
समापन और दर्शकों से सवाल
टाटा स्टील का यह बास्केटबॉल टूर्नामेंट केवल एक खेल आयोजन नहीं था, बल्कि यह उन सभी कर्मचारियों के लिए प्रेरणा था जिन्होंने इसमें भाग लिया। इस आयोजन से न केवल टीम भावना मजबूत होती है बल्कि यह भी साबित होता है कि टाटा स्टील खेलों के माध्यम से अपने कर्मचारियों को शारीरिक और मानसिक तौर पर मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
आपका क्या मानना है? क्या भारत में और कंपनियों को भी इस तरह के खेल आयोजनों को बढ़ावा देना चाहिए? अपनी राय हमारे साथ साझा करें, और अगर आपने इस तरह के किसी आयोजन में हिस्सा लिया है, तो अपने अनुभव कमेंट में बताएं।
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