Saraikela Visit: IG अखिलेश झा के दौरे से कांपी पुलिस महकमा, क्राइम कंट्रोल पर दिए खास निर्देश
सरायकेला पहुंचे दक्षिणी छोटानागपुर के आईजी अखिलेश झा, क्राइम कंट्रोल और विधि-व्यवस्था पर अधिकारियों के साथ की गहन समीक्षा, दिए कई कड़े निर्देश।

सरायकेला में बुधवार को कुछ अलग ही हलचल थी। दक्षिणी छोटानागपुर रेंज के आईजी अखिलेश झा अपने दो दिवसीय दौरे पर जिले पहुंचे, और उनके आगमन ने पुलिस महकमे में खामोश तनाव फैला दिया। स्वागत तो किया गया बुके से, लेकिन जो हुआ उसके बाद—वह महज एक शिष्टाचार मुलाकात नहीं थी, बल्कि समीक्षा की गहराई ने कई चेहरों पर शिकन ला दी।
आईजी के दौरे में क्यों है खास बात?
आईजी अखिलेश झा का यह दौरा केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि पुलिसिंग में कसावट लाने की कवायद है। एसपी मुकेश कुमार लुणायत ने जैसे ही स्वागत किया, ठीक उसके बाद अधिकारियों की पंक्ति में एक साफ चिंता देखी गई—क्योंकि इस दौरे का मकसद था विभागीय समीक्षा, और उससे भी ज्यादा विधि-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण को लेकर कड़ा आकलन।
समीक्षा बैठक में क्या हुआ खास?
समीक्षा बैठक में जिले के सभी वरीय पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे। IG झा ने न सिर्फ वर्तमान अपराध दर, बल्कि बीते महीनों में हुए संगीन अपराधों, अनसुलझे केस और लंबित एफआईआर की बारीकी से पड़ताल की।
उन्होंने सवाल पूछा—“क्या पुलिस जनता की उम्मीदों पर खरी उतर रही है?” और इसी सवाल के साथ एक के बाद एक निर्देशों की बौछार हुई।
उन्होंने निर्देश दिया कि—
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संवेदनशील क्षेत्रों में गश्ती बढ़ाई जाए
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पुराने अपराधियों की निगरानी दोबारा शुरू की जाए
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थानों की जवाबदेही तय हो
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पीड़ितों को समय पर न्याय मिले
सरायकेला में अपराध की स्थिति: एक ऐतिहासिक झलक
सरायकेला जिला पहले क्राइम लो ज़ोन माना जाता था, लेकिन बीते कुछ वर्षों में चोरी, साइबर अपराध और महिलाओं के खिलाफ अपराध में लगातार इज़ाफा हुआ है।
खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिसिंग की कमी, स्टाफ की भारी कमी और अपराधियों की बढ़ती हिम्मत एक चिंता का विषय रही है। आईजी के दौरे को इसी पृष्ठभूमि में सुधार के एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।
पुलिस केंद्र की भी होगी समीक्षा
IG झा का कार्यक्रम केवल थानों तक सीमित नहीं था। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस केंद्र, शस्त्रागार, कर्मियों की उपस्थिति, और लॉजिस्टिक सपोर्ट की भी सघन समीक्षा होगी।
यह संदेश साफ है कि अब कार्रवाई फाइलों तक सीमित नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत पर आधारित होगी।
क्या बदलेगा कुछ?
IG झा का यह दौरा एक चेतावनी जैसा है। वे खुद पूर्व में गिरिडीह और बोकारो जैसे जिलों में प्रभावी पुलिसिंग के लिए जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में क्राइम कंट्रोल की सख्ती से कई जिलों में अपराध दर घटी है।
अब देखना यह होगा कि क्या सरायकेला पुलिस इस चेतावनी को गंभीरता से लेती है, या फिर यह दौरा भी महज कागज़ी बदलावों तक सिमट जाएगा?
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