Jamshedpur-Thunderstorm: सुबह टहलने निकले युवक पर गिरा ठनका, कमर और पैर ने काम करना किया बंद!

जमशेदपुर के धालभूमगढ़ में बिजली गिरने से युवक गंभीर रूप से घायल! कमर और पैर ने काम करना किया बंद, जानिए कैसे हुई घटना और क्या कहते हैं डॉक्टर?

Mar 22, 2025 - 12:47
 0
Jamshedpur-Thunderstorm: सुबह टहलने निकले युवक पर गिरा ठनका, कमर और पैर ने काम करना किया बंद!
Jamshedpur-Thunderstorm: सुबह टहलने निकले युवक पर गिरा ठनका, कमर और पैर ने काम करना किया बंद!

झारखंड के जमशेदपुर जिले के धालभूमगढ़ थाना क्षेत्र के पांडू दा गांव में शनिवार सुबह एक दर्दनाक घटना घटी। यहां 37 वर्षीय शीतल चंद्रपाल ठनका (बिजली गिरने) की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा इतना भयानक था कि उनकी कमर और पैर ने काम करना बंद कर दिया।

परिजनों ने घायल को तुरंत धालभूमगढ़ अस्पताल पहुंचाया, लेकिन हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उन्हें एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया। इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।

कैसे हुआ हादसा?

शनिवार सुबह 5:30 बजे शीतल चंद्रपाल शौच के लिए पास के मैदान में गए थे।
 लौटते समय अचानक तेज आंधी और बारिश के बीच ठनका गिरा।
 शीतल इसकी चपेट में आ गए और मौके पर ही बेहोश होकर गिर पड़े।
कमर और पैर ने तुरंत काम करना बंद कर दिया।
 घरवालों ने आनन-फानन में उन्हें अस्पताल पहुंचाया।

आखिर ठनका गिरता कैसे है?

ठनका यानी आसमानी बिजली गिरना एक प्राकृतिक घटना है, जो अक्सर मानसून के दौरान होती है।

 वैज्ञानिकों के अनुसार, जब बादलों में सकारात्मक और नकारात्मक चार्ज टकराते हैं, तो बिजली धरती की ओर गिरती है।
 अगर कोई व्यक्ति खुले मैदान में हो, तो वह इसकी चपेट में आ सकता है।
 झारखंड, बिहार, और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में हर साल दर्जनों लोग ठनका की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते हैं।

क्या कहती है मेडिकल रिपोर्ट?

एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि शीतल चंद्रपाल के शरीर में तेज करंट दौड़ने से उनकी तंत्रिकाएं प्रभावित हुई हैं।

कमर और पैर की नसें ठनका गिरने से क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
आने वाले कुछ हफ्तों तक इन अंगों का काम करना मुश्किल हो सकता है।
अगर सही इलाज मिला, तो धीरे-धीरे रिकवरी संभव है।

झारखंड में हर साल गिरती है ठनका, कई मौतें होती हैं!

अगर हम पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े देखें, तो झारखंड में हर साल दर्जनों लोग ठनका गिरने से अपनी जान गंवा देते हैं।

2023 में: पूरे राज्य में 150 से अधिक लोग ठनका की चपेट में आए।
2022 में: सिर्फ जून-जुलाई महीने में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।
2021 में: रांची, जमशेदपुर और धनबाद में बिजली गिरने से 80 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए।

कैसे बच सकते हैं ठनका से?

बारिश और आंधी के दौरान खुले मैदान में जाने से बचें।
अगर बाहर हैं, तो किसी ठोस इमारत या वाहन के अंदर शरण लें।
पेड़ के नीचे खड़े न हों, क्योंकि बिजली अक्सर ऊंचे स्थानों पर गिरती है।
घर में बिजली के उपकरणों से दूरी बनाए रखें, क्योंकि ठनका गिरने पर करंट उनमें भी आ सकता है।

क्या सरकार इस समस्या को गंभीरता से ले रही है?

हर साल ठनका गिरने से झारखंड, बिहार और यूपी में कई लोगों की जान चली जाती है, लेकिन अभी तक इससे बचाव के लिए कोई ठोस सरकारी योजना नहीं बनाई गई है।

 अमेरिका और जापान जैसे देशों में आसमान में बिजली की गतिविधियों को मॉनिटर करने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।
 भारत में भी अगर ठनका अलर्ट सिस्टम लागू किया जाए, तो जान-माल के नुकसान को रोका जा सकता है।

अब सवाल यह है:

क्या सरकार इस ओर ध्यान देगी?
क्या झारखंड में ठनका अलर्ट सिस्टम लाया जाएगा?
क्या लोगों की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा?

जब तक इन सवालों के जवाब नहीं मिलते, लोगों को खुद ही सावधानी बरतनी होगी।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।