Jamshedpur Raid: डिमना रेसिडेंसी में चल रही थी मिनी शराब फैक्ट्री, करोड़ों की नकली शराब बरामद!
जमशेदपुर के डिमना रेसिडेंसी में अवैध मिनी शराब फैक्ट्री का पर्दाफाश! जिला आबकारी विभाग ने छापेमारी कर भारी मात्रा में नकली विदेशी शराब बरामद की। जानिए पूरी खबर!

जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिला आबकारी विभाग ने मानगो के उलीडीह थाना क्षेत्र में एक अवैध मिनी शराब फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। डिमना रेसिडेंसी हाउसिंग सोसाइटी के डुप्लेक्स नंबर D-22 में चल रहे इस गोरखधंधे पर जब अधिकारियों ने छापा मारा तो वहां विदेशी शराब बनाने और उसे बोतलबंद करने की पूरी फैक्ट्री मिली। मौके से करीब 140 लीटर स्प्रिट, 530 लीटर अवैध विदेशी शराब और 100 लीटर तैयार शराब समेत भारी मात्रा में नकली शराब बनाने की सामग्री बरामद हुई, जिसका बाजार मूल्य करीब 15 लाख रुपये आंका गया है।
कैसे पकड़ी गई यह अवैध शराब फैक्ट्री?
जमशेदपुर के उपायुक्त के निर्देश पर जिला आबकारी विभाग की टीम ने सहायक उत्पाद आयुक्त के नेतृत्व में यह कार्रवाई की। यह मिनी फैक्ट्री एक पॉश हाउसिंग सोसाइटी के अंदर चल रही थी, जिससे किसी को भी इस अवैध धंधे का शक नहीं हुआ। अधिकारियों को गुप्त सूचना मिली थी कि इस इलाके में नकली विदेशी शराब का निर्माण और सप्लाई हो रही है। सूचना मिलते ही छापेमारी दल ने दबिश दी और फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया।
क्या-क्या बरामद हुआ?
छापेमारी के दौरान अवैध शराब बनाने और उसे असली ब्रांडेड शराब जैसा दिखाने के लिए बड़ी मात्रा में सामग्रियां बरामद हुईं, जिनमें शामिल हैं:
स्प्रिट और तैयार शराब
McDowell, Royal Stag, Sterling Reserve, 8PM Black जैसी ब्रांडेड बोतलें
खाली बोतलें, ढक्कन, नकली लेबल और बोतल सील करने का सामान
शराब को असली जैसा रंग और फ्लेवर देने के लिए कैरेमल और अन्य केमिकल्स
70 से अधिक पेटियों में बंद अवैध शराब की बोतलें
अवैध कारोबार का मास्टरमाइंड गिरफ्तार!
जब छापेमारी दल ने डुप्लेक्स में दबिश दी, तो वहां मौजूद अवैध कारोबार का मुख्य आरोपी धीरज कुमार सिंह भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन अधिकारियों ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। अब प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है कि इस अवैध कारोबार में और कौन-कौन शामिल हैं और यह शराब कहां-कहां सप्लाई की जा रही थी।
भारत में नकली शराब का पुराना खेल!
भारत में नकली शराब का धंधा कोई नया नहीं है। कई बार यह देखा गया है कि अवैध रूप से तैयार की गई शराब से लोगों की जान तक चली जाती है। 90 के दशक में मुंबई, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में नकली शराब के कारण बड़े हादसे हो चुके हैं। यही कारण है कि सरकार ने ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रखना शुरू कर दिया है।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
अधिकारियों ने कहा है कि आरोपी के खिलाफ उत्पाद अधिनियम की धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि यह नेटवर्क कहां तक फैला हुआ है और इसे कौन-कौन चला रहा था।
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