Jadugoda Celebration - सीआईएसएफ के 56वें स्थापना दिवस पर दिखा जवानों का शौर्य, जानें इस बल की अनोखी ताकत!

जादूगोड़ा में CISF ने 56वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। कमांडो जवानों ने शानदार मॉक ड्रिल प्रस्तुत की, जिससे उनकी सुरक्षा क्षमता का प्रदर्शन हुआ। जानें पूरी खबर!

Mar 10, 2025 - 20:02
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Jadugoda Celebration - सीआईएसएफ के 56वें स्थापना दिवस पर दिखा जवानों का शौर्य, जानें इस बल की अनोखी ताकत!
Jadugoda Celebration - सीआईएसएफ के 56वें स्थापना दिवस पर दिखा जवानों का शौर्य, जानें इस बल की अनोखी ताकत!

जादूगोड़ा: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने सोमवार को अपने 56वें स्थापना दिवस को भव्यता के साथ मनाया। इस अवसर पर यूसिल परिसर में आयोजित मुख्य समारोह में जवानों ने अपनी बेजोड़ क्षमताओं का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम के दौरान कमांडो दस्ते ने एक शानदार मॉक ड्रिल प्रस्तुत की, जिसमें चारों दिशाओं से हमले के बीच दुश्मनों को मात देने की रणनीति दिखाई गई। इस प्रदर्शन ने बल की अभूतपूर्व क्षमता और अनुशासन का परिचय दिया।

CISF: सुरक्षा का अटूट प्रहरी

CISF की स्थापना 10 मार्च 1969 को देश की महत्वपूर्ण औद्योगिक इकाइयों, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, हवाई अड्डों और अन्य संवेदनशील प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए की गई थी। वर्तमान में इसके दो लाख से अधिक जवान देशभर में 259 महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा में तैनात हैं। समय के साथ, इसकी जिम्मेदारियों में वृद्धि हुई और यह वीआईपी सुरक्षा, मेट्रो सेवाओं और आपदा प्रबंधन में भी अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

भव्य समारोह और सुरक्षा का संकल्प

समारोह के मुख्य अतिथि यूसिल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ. संतोष सत्पथी ने परेड की सलामी ली और जवानों के अनुकरणीय कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि CISF की सटीक और अनुशासित सुरक्षा प्रणाली के कारण इसे संसद भवन जैसी संवेदनशील जगहों पर भी तैनात किए जाने की संभावना बढ़ रही है।

इस मौके पर डिप्टी कमांडेंट रॉकी पीएस ने CISF के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे यह बल बीते 56 वर्षों से देश की सुरक्षा में निरंतर कार्यरत है। उन्होंने बताया कि आज CISF सिर्फ औद्योगिक संस्थानों तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के हवाई अड्डों, मेट्रो स्टेशनों और सरकारी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

जवानों की दमदार प्रस्तुतियां

इस खास मौके पर CISF के जवानों ने विभिन्न डेमोंस्ट्रेशन के माध्यम से अपनी कुशलता का परिचय दिया। बैरक मैदान में आयोजित मॉक ड्रिल में जवानों ने हमलों से निपटने की रणनीति का प्रदर्शन किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि वे किसी भी प्रकार के खतरे को टालने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इसके अलावा, विशेष परेड और अन्य रोमांचक गतिविधियों ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया।

सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति

इस भव्य आयोजन में कई गणमान्य अतिथि शामिल हुए, जिनमें वित्त निदेशक विक्रम केसरी दास, उप महाप्रबंधक राकेश कुमार, डिप्टी कमांडेंट रॉकी पीएस, सहायक कमांडेंट अक्षय उगले, इंस्पेक्टर पवन कुमार, इंस्पेक्टर एस के सिंह, इंस्पेक्टर रहमान, विनय कुमार और आरके यादव प्रमुख थे। इसके अलावा, जादूगोड़ा, नरवा पहाड़ और तुरामडीह क्षेत्र से भी CISF जवानों और अधिकारियों ने भाग लिया।

CISF की अनोखी ताकत और भविष्य की योजनाएं

CISF न केवल औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा करता है, बल्कि यह आपदा प्रबंधन, आतंकवाद विरोधी अभियानों और विशेष सुरक्षात्मक सेवाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हाल के वर्षों में इसकी सेवाएं हवाई अड्डों और मेट्रो स्टेशनों तक विस्तारित की गई हैं। भविष्य में इस बल को और अधिक अत्याधुनिक तकनीकों और स्मार्ट सुरक्षा उपकरणों से लैस किया जाएगा।

CISF का 56वां स्थापना दिवस न केवल एक उत्सव था, बल्कि यह उन वीर जवानों के योगदान को सलाम करने का भी अवसर था, जो हर दिन देश की सुरक्षा में अपनी जान की बाजी लगाते हैं। यह बल देश की सुरक्षा की एक मजबूत दीवार के रूप में खड़ा है, जो आने वाले समय में भी अपनी निस्वार्थ सेवा से देशवासियों को सुरक्षित रखने का संकल्प दोहराता रहेगा।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।