जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त के निर्देश पर जिले में अवैध खनिज उत्खनन, भंडारण और परिवहन पर शिकंजा कसने के लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है। इस कार्रवाई में खनन टास्क फोर्स ने करीब 30,000 सीएफटी अवैध बालू और दो भारी वाहनों को जब्त किया है। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में यह कार्रवाई की गई, जिसमें बड़ी मात्रा में अवैध रूप से भंडारित बालू और बिना खनिज परिवहन चालान के बालू लदे वाहन पकड़े गए।
श्यामसुंदरपुर क्षेत्र में मिला अवैध भंडारण
खनन टास्क फोर्स ने श्यामसुंदरपुर थाना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध खनिज भंडारण का खुलासा किया।
- मौजा बड़तोलिया: 4,500 सीएफटी अवैध बालू बरामद।
- ग्राम डाकुई: 4,000 सीएफटी अवैध बालू जब्त।
- ग्राम चंदनपुर: अलग-अलग स्थानों से 8,000, 9,000 और 5,000 सीएफटी बालू का भंडारण पाया गया।
इस दौरान बरामद बालू को जिम्मेनामा पर सौंप दिया गया और श्यामसुंदरपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई।
गुड़ाबांदा में पकड़े गए भारी वाहन
गुड़ाबांदा थाना क्षेत्र में खनिज टास्क फोर्स ने दो भारी वाहनों को अवैध रूप से बालू परिवहन करते पकड़ा।
- वाहन संख्या JH13C - 7478 और JH05BY - 5480: बिना खनिज परिवहन चालान के बालू लदे पाए गए।
इन वाहनों को थाने को सुपुर्द करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
अवैध खनन का इतिहास और प्रशासन की चुनौती
भारत में अवैध खनिज उत्खनन एक गंभीर समस्या रही है। बालू और अन्य खनिज संसाधनों का अवैध खनन पर्यावरणीय संकट और राजस्व हानि का कारण बनता है।
- पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं: इतिहास में बालू माफियाओं ने कई राज्यों में प्रशासन के लिए चुनौती खड़ी की है।
- पर्यावरणीय प्रभाव: अवैध खनन नदियों के प्रवाह को प्रभावित करता है और पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाता है।
प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, हर साल लाखों टन बालू अवैध रूप से खनन किया जाता है, जिससे करोड़ों का राजस्व नुकसान होता है।
प्रशासन की मुहिम और सख्ती
जिला प्रशासन ने खनिज टास्क फोर्स को निर्देश दिया है कि अवैध खनिज उत्खनन, भंडारण और परिवहन के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जाए।
- सख्त निगरानी: प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है।
- प्राथमिकी दर्ज: दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
इस तरह की कार्रवाइयां न केवल अवैध खनन पर रोक लगाती हैं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी सहायक होती हैं।
भविष्य की कार्रवाई
प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई केवल एक शुरुआत है। खनिज विभाग अब नई तकनीकों का उपयोग करके अवैध खनन गतिविधियों की निगरानी करेगा।
- ड्रोन और सैटेलाइट तकनीक: इनका उपयोग कर खनन क्षेत्रों की नियमित जांच की जाएगी।
- जन भागीदारी: प्रशासन ने आम जनता से भी अपील की है कि वे किसी भी अवैध खनन गतिविधि की सूचना दें।
जिला प्रशासन का यह कदम अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ एक मजबूत संदेश है। 30,000 सीएफटी बालू और भारी वाहनों की जब्ती इस बात का प्रमाण है कि प्रशासन किसी भी स्तर पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं है।