Jamshedpur Accident: लाल बाबा फाउंड्री के पास सड़क पार करते युवक को पिकअप वैन ने मारी टक्कर
जमशेदपुर के बर्मामाइंस में पिकअप वैन की टक्कर से मजदूर की मौत। सीसीटीवी फुटेज की जांच में जुटी पुलिस। जानें हादसे की पूरी कहानी।
जमशेदपुर के बर्मामाइंस थाना क्षेत्र में शनिवार देर शाम एक दर्दनाक सड़क हादसे ने इलाके में सनसनी मचा दी। लाल बाबा फाउंड्री के पास एक पिकअप वैन ने 40 वर्षीय जुगनू ठाकुर को टक्कर मार दी। जुगनू गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
घटना कैसे हुई?
शनिवार शाम, जब जुगनू ठाकुर सड़क पार कर रहे थे, तभी एक पिकअप वैन ने उन्हें जोरदार टक्कर मारी और मौके से फरार हो गई। आसपास के लोग तुरंत घायल जुगनू को टीएमएच अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची के रिम्स रेफर कर दिया। दुर्भाग्यवश, जुगनू ने टीएमएच में ही दम तोड़ दिया।
मृतक का परिचय
जुगनू ठाकुर लाल बाबा फाउंड्री बस्ती के निवासी थे और वहीं मजदूरी करते थे। उनकी पत्नी की मौत पहले ही हो चुकी थी, और अब उनके परिवार में केवल एक बेटा है। जुगनू कुछ दिनों से काम नहीं कर रहे थे और आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे।
पुलिस की जांच में क्या सामने आया?
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। बर्मामाइंस थाना पुलिस अब मामले की जांच में जुट गई है। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि पिकअप वैन की पहचान की जा सके।
थाना प्रभारी ने बताया कि वैन को जल्द ही ट्रेस कर लिया जाएगा और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि इलाके में ऐसे हादसे अक्सर तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग की वजह से होते हैं।
परिवार और स्थानीय लोगों में शोक और गुस्सा
जुगनू ठाकुर की मौत ने उनके परिवार और इलाके के लोगों को गमगीन कर दिया है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इलाके में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने और सड़क सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है।
जुगनू के एक साथी ने बताया, "वह कुछ दिनों से काम नहीं कर रहा था और तनाव में था। हमें नहीं पता था कि ऐसा कुछ हो जाएगा।"
ऐसे हादसे क्यों होते हैं?
भारत में हर साल हजारों लोग सड़क हादसों का शिकार होते हैं। तेज रफ्तार, लापरवाह ड्राइविंग, और सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी इसके मुख्य कारण हैं। जमशेदपुर जैसे व्यस्त इलाकों में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है।
प्रशासन से क्या उम्मीदें हैं?
घटना के बाद से स्थानीय लोगों ने पुलिस और प्रशासन से सड़क सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इलाके में सड़क पार करने के लिए ज़ेब्रा क्रॉसिंग और स्पीड ब्रेकर जैसी सुविधाएं होनी चाहिए।
जुगनू की मौत ने छोड़े कई सवाल
जुगनू ठाकुर की मौत ने न केवल उनके परिवार को, बल्कि पूरे समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सड़क सुरक्षा को लेकर क्या और कदम उठाए जाने चाहिए।
यह घटना केवल एक हादसा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि अगर सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता नहीं बढ़ाई गई, तो ऐसे हादसे भविष्य में भी होते रहेंगे। जुगनू की मौत ने यह साबित कर दिया है कि सिर्फ कानून बनाने से नहीं, बल्कि उन्हें सही तरीके से लागू करने से ही बदलाव आएगा।
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