गजल - 25 - रियाज खान गौहर भिलाई
आज मुझको रूला दिया तुमने बात कैसी बता दिया तुमने .....
ग़ज़ल
आज मुझको रूला दिया तुमने
बात कैसी बता दिया तुमने
किस मकाँ को गिरा दिया तुमने
घर पे डोजर चला दिया तुमने
हाल अपना सुना दिया तुमने
काम मेरा बढ़ा दिया तुमने
कुछ भी सोंचा नही कहा जो भी
दिल पे खन्जर चला दिया तुमने
ये सियासत का खेल है यारो
आज उसको हरा दिया तुमने
कुछ समझते भी हो वफा क्या है
दिल को मेरे दुखा दिया तुमने
बात कुछ तो जरूर है इसमे
जो भी जीता हरा दिया तुमने
हमने जिसको हरा दिया यारो
उसको कैसे जिता दिया तुमने
ये सियासत भी खूब है गौहर
फिर से हमको लड़ा दिया तुमने
ग़ज़लकार
रियाज खान गौहर भिलाई
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