हमने आजादी का जश्न मना लिया - गिरीश गुप्ता, बड़ौदा, गुजरात
हमने आजादी का जश्न मना लिया
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तिरंगा लहरा लिया,
देश भक्ति के गीत गा लिए,
यूँ हमने आजादी का जश्न मना लिया।
कल से फ़िर वो ही तिकड़में
वो ही सब जुगाड़ और ,
सब कुछ अपना बना लेने की चाहत।
अपने घर उजाला होना चाहिए,
फ़िर शहर भर में अँधेरा क्यूँ न हो।
जब कोई जवान शहीद होगा,
हम तुरंत दो आँसू बहा ही देंगे।
जब कोई किसान आत्महत्या करेगा,
तो सरकार है न , कोसने के लिए।
डिग्री धारक को नौकरी न मिली तो,
थोड़ा सा अफसोस जता ही देंगे।
कही किसी लड़की के साथ गलत हुआ,
तो कानून व्यवस्था को कोस लेंगे।
इस तरह हम अपना कर्तव्य पूरा कर ही रहे है,
और इससे ज्यादा हम देश के लिए क्या करे ?
अभी तो हमारी भी कुछ इच्छायें है,
और आगे आनी वाली पीढियों का,
तो भी इंतजाम हमें ही करना है।
हाँ जब अगला 15 August आयेगा,
तो फ़िर कर लेंगे देशभक्ति की बातें,
अभी से हमारी नींद काहे ,
खराब कर रहे हो यार।
और बिल्कुल ही नहीं जमा यहाँ,
तो विदेश चले जायेंगे।
सब ठेका हमने ही ,
थोड़ी ले रखा है।
जय हिंद जय भारत।
मौलिक स्वरचित
गिरीश गुप्ता,
बड़ौदा, गुजरात
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