Gandhinagar Raid: मिट्टी के घर से निकली हाई-फाई शराब फैक्ट्री, बिहार तक था नेटवर्क!

गांधीनगर थाना क्षेत्र के जरीडीह बस्ती में छापेमारी कर अवैध शराब फैक्ट्री का खुलासा, मिट्टी के घर से चल रहा था बड़ा शराब रैकेट, बिहार तक फैला था नेटवर्क।

Apr 11, 2025 - 15:28
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Gandhinagar Raid: मिट्टी के घर से निकली हाई-फाई शराब फैक्ट्री, बिहार तक था नेटवर्क!
Gandhinagar Raid: मिट्टी के घर से निकली हाई-फाई शराब फैक्ट्री, बिहार तक था नेटवर्क!

झारखंड के गांधीनगर थाना क्षेत्र में गुरुवार शाम उस वक्त हड़कंप मच गया जब उत्पाद विभाग की टीम ने जरीडीह बस्ती के सरैयाटांड़ इलाके में स्थित एक मिट्टी के बने घर पर छापेमारी कर एक अवैध शराब फैक्ट्री का पर्दाफाश किया। लेकिन यह कोई मामूली फैक्ट्री नहीं थी — यहां हाई ब्रांड विदेशी शराब से लेकर स्पिरिट, पंचिंग मशीन और मिक्सिंग मशीन तक सब कुछ मौजूद था।

कौन चला रहा था यह हाई-प्रोफाइल धंधा?

उत्पाद विभाग के निरीक्षक बिजय कुमार पाल और अवर निरीक्षक सन्नी विवेक तिर्की ने बताया कि इस अवैध शराब फैक्ट्री का संचालन शंभु साव कर रहा था, जो जगदीश साव का बेटा है। घर मालिक छत्रु महतो के सहयोग से यह धंधा लंबे समय से चल रहा था। छापेमारी के दौरान शंभु साव फरार हो गया, लेकिन उसके खिलाफ उत्पाद अधिनियम की कई धाराओं में केस दर्ज किया जा रहा है।

क्या-क्या मिला छापेमारी में?

मौके से जब्त किए गए सामानों की लिस्ट चौंकाने वाली है:

  • 350 लीटर स्पिरिट

  • 70 लीटर तैयार विदेशी शराब

  • 132 पीस शेरा 750 एमएल बोतल

  • 24 पीस रॉयल स्टैग 750 एमएल

  • 192 पीस आइकॉनिक 375 एमएल

  • 120 पीस 1 375 एभएल

  • 120 पीस बी7 375 एमएल

  • विभिन्न ब्रांड के स्टीकर, ढक्कन

  • खाली बोतलें, पंचिंग मशीन, मिक्सिंग मशीन

यह साफ है कि इस ‘फैक्ट्री’ में शराब ब्रांडेड लुक देने की पूरी व्यवस्था थी।

इतिहास भी देता है चेतावनी…

झारखंड के औद्योगिक इलाकों में अवैध शराब का नेटवर्क कोई नया नहीं है। पहले भी धनबाद, बेरमो और चंदपुरा इलाकों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन इतनी संगठित और पेशेवर फैक्ट्री का सामने आना चौंकाने वाला है। यह घटना एक बार फिर सवाल खड़ा करती है—क्या लोकल पुलिस और प्रशासन की नज़रें इन पर पहले नहीं पड़ी थीं?

कहां-कहां खपाई जाती थी यह शराब?

सूत्रों के अनुसार, इस फैक्ट्री में तैयार की गई शराब स्थानीय होटलों, बेरमो के ग्रामीण इलाकों और बिहार के शराबबंदी इलाकों में चोरी-छिपे सप्लाई की जाती थी। बिहार में शराब पर प्रतिबंध के कारण ऐसी फैक्ट्रियों की मांग और मुनाफा दोनों बढ़ रहे हैं।

टीम की सक्रियता ने किया बड़ा खुलासा

इस छापेमारी में बेरमो-सह-चंदपुरा के अवर निरीक्षक महेश दास और उत्पाद विभाग की पूरी टीम शामिल रही। टीम की सतर्कता और योजनाबद्ध कार्रवाई से यह बड़ा गिरोह बेनकाब हुआ।


एक साधारण मिट्टी के घर के पीछे छिपा शराब का अंतरराज्यीय रैकेट न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे दिखने में आम-सा घर भी एक बड़ी साजिश का अड्डा हो सकता है। अब प्रशासन की अगली चुनौती है—इस नेटवर्क की पूरी जड़ तक पहुंचना।

अगर आप चाहें तो इसी पर आधारित यूट्यूब वीडियो स्क्रिप्ट भी तैयार की जा सकती है, जो वायरल कंटेंट में तब्दील हो।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।