Jamshedpur Protest: गोविंदपुर सड़क की बदहाली पर ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, किया चक्का जाम!

Jamshedpur के परसुडीह-गोविंदपुर सड़क की बदहाली पर ग्रामीणों का गुस्सा फूटा! जानिए क्यों हुआ चक्का जाम और क्या बोले लोग?

Mar 15, 2025 - 13:39
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Jamshedpur Protest: गोविंदपुर सड़क की बदहाली पर ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, किया चक्का जाम!
Jamshedpur Protest: गोविंदपुर सड़क की बदहाली पर ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, किया चक्का जाम!

जमशेदपुर: परसुडीह-गोविंदपुर सड़क की जर्जर हालत से परेशान ग्रामीणों का गुस्सा आखिरकार फूट पड़ा। रविवार सुबह हजारों ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया और सड़क जाम कर दी।

"जब तक हमें पक्की सड़क नहीं मिलेगी, तब तक यहां कोई गाड़ी नहीं चलेगी!"
यह गुस्से में नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों की आवाज थी।

ग्रामीणों का आरोप है कि आठ बार सड़क का टेंडर रद्द हो चुका है, और इस बार ठेकेदार ने सड़क खोदकर उसे अधूरा छोड़ दिया है। नतीजतन, इस रास्ते पर चलना मुश्किल हो गया है, और इलाके में एंबुलेंस या ऑटो तक आने को तैयार नहीं होते।

क्यों भड़का ग्रामीणों का गुस्सा?

आठ बार टेंडर रद्द! – परसुडीह-गोविंदपुर सड़क के निर्माण के लिए कई बार टेंडर निकाला गया, लेकिन हर बार इसे कैंसिल कर दिया गया।
सड़क खुदी पर बनी नहीं! – इस बार ठेकेदार ने सड़क को खोद तो दिया, लेकिन अधूरा छोड़ दिया, जिससे रास्ता और भी खतरनाक हो गया।
बंद हो गई एंबुलेंस सेवा! – जर्जर सड़क की वजह से एम्बुलेंस तक मरीजों को लेने से इनकार कर रही हैं, जिससे आपात स्थिति में जान जाने का खतरा बढ़ गया है।
जनप्रतिनिधियों पर नाराजगी! – स्थानीय विधायक मंगल कालिंदी और जिला प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला।

ग्रामीणों का साफ ऐलान – सड़क नहीं तो रास्ता भी बंद!

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक सरकार और प्रशासन सड़क बनाने का ठोस आश्वासन नहीं देंगे, तब तक यह सड़क पूरी तरह जाम रहेगी

ग्रामीणों का कहना है,
"हमारी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। नेता सिर्फ वोट के समय आते हैं और चुनाव के बाद गायब हो जाते हैं। अब हम चुप नहीं बैठेंगे।"

इतिहास भी यही कहता है – बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी से होता है गुस्सा!

अगर इतिहास पर नजर डालें तो इसी तरह की लापरवाही के कारण कई बार बड़े विरोध प्रदर्शन हुए हैं
2018 में बिहार के मुजफ्फरपुर में खराब सड़कों को लेकर महीनों तक प्रदर्शन चला था।
2021 में पश्चिम बंगाल के कई जिलों में सड़क निर्माण को लेकर उग्र आंदोलन हुआ था।

आज भी यही कहानी दोहराई जा रही है – सरकार वादे तो करती है, लेकिन उन पर अमल नहीं होता।

प्रशासन क्या कर रहा है?

प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की। लेकिन ग्रामीण किसी भी आश्वासन पर भरोसा करने को तैयार नहीं हैं

फिलहाल, प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। लेकिन ग्रामीणों ने तब तक सड़क पर किसी भी वाहन को नहीं चलने देने की चेतावनी दी है।

क्या होगा आगे?

यदि सरकार ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर जनता का दबाव बढ़ता जा रहा है।
प्रदर्शन लंबा चला तो पूरे शहर को इसकी मार झेलनी पड़ सकती है।

अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन वाकई सड़क बनाने का काम शुरू करेगा या फिर यह आंदोलन और उग्र हो जाएगा?

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।