Bilasi Fire: पतंजलि स्टोर में भीषण आग, 20 लाख का नुकसान! कैसे हुआ हादसा?
बिलासी इलाके में पतंजलि स्टोर में शॉर्ट सर्किट से भीषण आग, 15 से 20 लाख का भारी नुकसान। जानिए कैसे चिंगारी ने रातोंरात सब कुछ राख कर दिया।

धनबाद के नगर थाना क्षेत्र के बिलासी इलाका में गुरुवार देर रात एक बड़ी आगजनी की घटना सामने आई जिसने इलाके में सनसनी फैला दी। मछली कोठी के पास पुल के किनारे स्थित एक पतंजलि स्टोर अचानक शॉर्ट सर्किट की चपेट में आ गया और कुछ ही मिनटों में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया।
स्टोर मालिक सत्यम पाठक ने बताया कि रात करीब 9 बजे स्टोर में रखे डीप फ्रीजर से चिंगारी निकली, और धीरे-धीरे आग ने पूरे स्टोर को अपनी चपेट में ले लिया। वहां मौजूद स्टाफ जान बचाकर जैसे-तैसे बाहर निकले। शोर मचता देख आसपास के लोग भी मौके पर दौड़ पड़े और आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग की लपटें लगातार बढ़ती गईं।
फायर ब्रिगेड पहुंची, पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी
करीब 9:55 बजे अग्निशमन विभाग को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही बसंत महतो, राजीव रंजन सहित अन्य दमकलकर्मी दमकल वाहन लेकर मौके पर पहुंचे और आग बुझाने का प्रयास शुरू किया। करीब ढाई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रात 11:40 बजे आग पर काबू पाया जा सका।
स्टोर में रखी गई पतंजलि की दवाइयां, खाद्य सामग्री, और अन्य जरूरी उत्पाद पूरी तरह से जलकर खाक हो गए। सत्यम पाठक का दावा है कि नुकसान करीब 15 से 20 लाख रुपये का हुआ है। यह स्टोर अधिवक्ता प्रदीप झा के मकान में किराए पर चल रहा था।
इतिहास गवाह है – बिलासी क्षेत्र पहले भी झेल चुका है आग का कहर
बिलासी इलाका कोई पहली बार आगजनी का गवाह नहीं बना है। इससे पहले भी इसी क्षेत्र में कई बार शॉर्ट सर्किट और गैस लीक जैसी घटनाओं ने जन और धन की क्षति पहुंचाई है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या बिजली व्यवस्था और सुरक्षा मानकों को लेकर कोई सख्त नियम नहीं बनना चाहिए?
अग्निशमन विभाग ने की पुष्टि
दमकलकर्मी बसंत महतो ने बताया, “हमें रात 9:55 बजे सूचना मिली। दमकल के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे। आग पर काबू पाने में काफी समय लग गया, लेकिन हमारी टीम ने पूरी कोशिश की।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि स्टोर मालिक को आग से हुई क्षति का आवेदन देने के लिए कहा गया है ताकि मुआवजा प्रक्रिया शुरू हो सके।
अब सवाल उठता है – क्या यह हादसा रोका जा सकता था?
स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर स्टोर में फायर अलार्म या आग बुझाने के उपकरण होते, तो शायद नुकसान इतना बड़ा नहीं होता। इससे यह भी साफ है कि शहर के छोटे-बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों को अब आग से सुरक्षा के उपायों को लेकर और सतर्क होना होगा।
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