Dhanbad Operation: पुलिस की छापेमारी से भागे कोयला माफिया, 20 टन ब्लैक गोल्ड जब्त!
धनबाद के बाघमारा में पुलिस ने सीआईएसएफ और बीसीसीएल अधिकारियों के साथ मिलकर बड़ी कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान 20 टन अवैध कोयला जब्त किया गया। पढ़ें पूरी खबर कैसे ब्लैक गोल्ड का धंधा चलता था नदी किनारे।

कोयले की राजधानी कहे जाने वाले धनबाद में गुरुवार को एक बार फिर पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई ने अवैध कोयला कारोबार की पोल खोल दी। बाघमारा थाना क्षेत्र के दामोदा जमुनिया नदी पुल के पास एकीकृत ब्लॉक दो (OCP) के नजदीक गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की गई, जिसमें करीब 20 टन अवैध कोयला बरामद किया गया।
इस कार्रवाई में बीसीसीएल (B.C.C.L) के अधिकारी और सीआईएसएफ (CISF) के जवानों की मौजूदगी ने इस छापेमारी को और भी प्रभावशाली बना दिया। पुलिस की टीम जैसे ही मौके पर पहुंची, वहां मौजूद अवैध कोयला माफिया मौके से फरार हो गए। लेकिन उनके पीछे छूट गया कोयले का वह ढेर, जो काले कारोबार की सच्चाई बयां कर रहा था।
बाघमारा थाना प्रभारी चिरंजीत प्रसाद ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर यह बड़ी कार्रवाई की गई। बरामद कोयले को हाइवा ट्रक में लादकर थाना लाया गया और अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। मौके पर मौजूद अधिकारियों में सीआईएसएफ अधिकारी रमेश कुमार, अनि राजेश कुमार, और सिक्योरिटी नोडल इंचार्ज राजीव रंजन जैसे वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।
इतिहास भी रहा है कोयला माफिया से भरा
धनबाद का इतिहास बताता है कि कोयले की इस काली दुनिया में अवैध खनन, तस्करी और माफियाओं की गतिविधियों ने वर्षों से स्थानीय प्रशासन और आम जनता दोनों को परेशान किया है। कभी श्यामलाल जैसे कुख्यात कोयला माफिया इस धरती पर राज करते थे, अब आधुनिक गैंग इसी धंधे को तकनीक से चला रहे हैं।
महुदा पुलिस की कार्रवाई लेकिन संशय बना रहा
उधर, इसी दिन महुदा थाना क्षेत्र में जमुनिया पुल चेकपोस्ट के पास पुलिस ने एक कोयला लदे ट्रक को पकड़ा। ट्रक संख्या JH 09Q-5938 दुगदा से बोकारो की ओर जा रहा था। हालांकि घंटों पूछताछ के बाद उसे यह कहकर छोड़ दिया गया कि वह पोड़ा कोयला (कंपनियों द्वारा छोड़ा गया अवशिष्ट कोयला) था। इसे ग्राम रक्षा दल की निगरानी में तेलमच्चो चेकपोस्ट लाया गया था।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि यदि वास्तव में ट्रक में वैध कोयला था, तो घंटों तक क्यों रोका गया? क्या इस कार्रवाई के पीछे भी कोई पर्देदारी थी? जनता जवाब चाहती है।
धनबाद में इस प्रकार की छापेमारी यह दिखाती है कि अवैध कोयला कारोबार अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। प्रशासन की मुस्तैदी एक तरफ है, लेकिन माफिया की चालाकी दूसरी। जरूरत है तकनीक, सतर्कता और पारदर्शिता के साथ लगातार कार्रवाई की — ताकि यह ‘ब्लैक गोल्ड’ अब समाज को काला न करे।
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