Dhanbad Bust: सेक्सटॉर्शन रैकेट में युवतियों की गिरफ्तारी, कॉल सेंटर बनाकर चल रहा था गंदा धंधा!
धनबाद में साइबर पुलिस ने सेक्सटॉर्शन रैकेट का खुलासा करते हुए तीन युवतियों समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। कॉल सेंटर की आड़ में ऑनलाइन ठगी और अश्लील वीडियो कॉल के जरिए लोगों को बनाया जा रहा था शिकार।

साइबर अपराध की दुनिया में धनबाद एक बार फिर सुर्खियों में है, जहां साइबर पुलिस ने पहली बार सेक्सटॉर्शन रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस हाई-प्रोफाइल कार्रवाई में पुलिस ने तीन युवतियों और एक युवक को गिरफ्तार किया है, जो कॉल सेंटर की आड़ में लोगों को फंसा रहे थे।
इस सनसनीखेज मामले का मास्टरमाइंड मनीष कुमार उर्फ मोंटी भईया है, जिसकी पत्नी नम्रता उर्फ नेहा, जो इस गिरोह की रिक्रूटमेंट और निगरानी संभालती थी, फरार बताई जा रही है।
बैंक मोड़ के पुराने मकान से हुआ खुलासा
बुधवार रात, साइबर डीएसपी संजय कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने बैंक मोड़ थाना क्षेत्र के राजेंद्र मार्केट के पास एक पुराने मकान में छापेमारी की। यहां मनीष, राखी कुमारी, रिया गुप्ता और पूजा देवी वीडियो कॉल और सेक्स चैट के जरिये लोगों को ब्लैकमेल करते पकड़े गए।
पुलिस ने मौके से 14 मोबाइल, 18 सिम कार्ड और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त किए। मोबाइल खंगालने पर खुलासा हुआ कि ये लोग सैकड़ों लोगों को जाल में फंसा चुके हैं।
सेक्सटॉर्शन का 'सिस्टमेटिक सेटअप'
जांच में यह सामने आया कि यह कोई मामूली ऑनलाइन ठगी नहीं थी, बल्कि पूरी तरह संगठित नेटवर्क था। मास्टरमाइंड मनीष की दूसरी पत्नी नम्रता लड़कियों को इस धंधे में लाने का काम करती थी।
युवतियों को पहले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, फेसबुक और टेलीग्राम के जरिए संपर्क कराया जाता था। फिर सेक्स चैट, लाइव न्यूड वीडियो कॉल और बाद में फिजिकल एस्कॉर्ट जैसी सेवाएं ग्राहक को ऑफर की जाती थीं।
इतिहास भी रहा है संदिग्ध
मनीष और नम्रता इससे पहले भी अलग-अलग जगहों पर कॉल सेंटर खोलकर सेक्सटॉर्शन का धंधा चला चुके हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस रैकेट की जड़ें धनबाद से निकलकर पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश तक फैली हो सकती हैं।
पुलिस को एक ऐसा मोबाइल नंबर मिला है जो NCRB (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) के डेटाबेस में पहले से दर्ज है। यह नंबर पंजाब के एक व्यक्ति से जुड़ी ठगी में इस्तेमाल किया गया था।
आधे-आधे बंटते थे गुनाह के पैसे
गिरफ्तार युवतियों ने पूछताछ में बताया कि जो भी कमाई होती थी, उसका आधा हिस्सा मनीष और नम्रता रखते थे और बाकी पैसे लड़कियों में बांट दिए जाते थे।
यह सारा काम एक सच्चे कॉल सेंटर की तरह शेड्यूलिंग, डिवाइसेस, इंटरनेट, और क्लाइंट लिस्ट के साथ चलता था – लेकिन मकसद था केवल ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग और ठगी।
अब सवाल ये उठता है...
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क्या यह गिरोह सिर्फ चार लोगों तक सीमित था?
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नम्रता उर्फ नेहा कहां छिपी है और क्या उसके जरिए और लिंक सामने आ सकते हैं?
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कितने लोगों को ब्लैकमेल कर लाखों की वसूली की गई?
साइबर पुलिस इन सभी पहलुओं पर गहराई से जांच कर रही है, और इस मामले में और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।
धनबाद साइबर पुलिस की इस कार्रवाई ने एक ऐसे घिनौने धंधे का पर्दाफाश किया है, जिसमें तकनीक का दुरुपयोग कर युवतियों को मोहरा बनाया जा रहा था और आम लोगों को मानसिक और आर्थिक रूप से बर्बाद किया जा रहा था।
अब देखना होगा कि इस कार्रवाई के बाद शहर में फैले ऐसे और जाल कब तक उजागर होते हैं।
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