Galudih Illegal Construction: सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण का खुलासा, नोटिस जारी
गालूडीह के दारिसाई गांव में सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण का मामला सामने आया। जांच के बाद जमीन सरकारी पाई गई, और दोषियों को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
11 दिसंबर 2024: गालूडीह थाना क्षेत्र के बड़ाखूर्शी पंचायत के दारिसाई गांव में सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण का मामला सामने आया है। बुधवार को पंचायत मुखिया हरिपद सिंह और स्थानीय ग्रामीणों की शिकायत पर हल्का कर्मचारी राजकुमार और सरकारी अमीन सुरेश रजक ने मौके पर पहुंचकर जमीन की मापी की। मापी के बाद पुष्टि हुई कि यह जमीन सरकारी है, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया।
ग्रामीणों ने कैसे किया खुलासा?
ग्रामीणों को पता चला कि पायरगुड़ी गांव की शकुंतला सिंह ने तीन डिसमिल सरकारी जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। इस जमीन का खाता संख्या 74 और प्लाट संख्या 375 है। जानकारी के मुताबिक, उलदा पंचायत के पुतड़ु गांव निवासी महादेव सिंह ने यह जमीन शकुंतला सिंह को बेची है। हालांकि, यह लेनदेन कितना वैध है, इसका खुलासा जांच के बाद ही होगा।
हनुमान मंदिर भी शामिल
इस जमीन पर एक हनुमानजी का मंदिर भी स्थित है, जो इसे धार्मिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील बनाता है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी जमीन पर मंदिर के पास इस तरह का निर्माण कार्य धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचा सकता है।
इतिहास से सबक लेते हुए जांच जारी
यह कोई पहली बार नहीं है जब सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया है। इससे पहले भी झारखंड के कई हिस्सों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां गरीबों और आम जनता की जमीन पर दबंगों ने कब्जा किया। इतिहास से सबक लेते हुए प्रशासन इस मामले में सख्ती से जांच कर रहा है।
नोटिस और आगे की कार्रवाई
जांच में शामिल कर्मचारी राजकुमार ने बताया कि मापी के दौरान साफ हो गया कि यह जमीन सरकारी है। अवैध निर्माण करने वाली शकुंतला सिंह को जल्द ही नोटिस जारी किया जाएगा। साथ ही, जमीन बेचने वाले महादेव सिंह की भूमिका की भी जांच की जाएगी।
ग्रामीणों की मांग और प्रशासन की चुनौती
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। वहीं, पंचायत के मुखिया हरिपद सिंह ने इस मामले में पारदर्शी जांच और दोषियों पर उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
ट्रेंडिंग समस्या: सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा
झारखंड के ग्रामीण इलाकों में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा एक बड़ी समस्या बन गई है। यह न केवल प्रशासन के लिए चुनौती है, बल्कि स्थानीय समाज में तनाव का कारण भी बनता है। इस मामले में भी प्रशासन को जनता की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे।
क्या कहता है कानून?
भारतीय कानून के तहत सरकारी जमीन पर कब्जा करना गैर-कानूनी है। यदि कोई व्यक्ति सरकारी जमीन पर निर्माण करता है, तो उसे नोटिस के माध्यम से हटाया जाता है और जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाती है। यह मामला भी इसी प्रक्रिया से गुजरेगा।
समाप्ति पर सवाल
क्या प्रशासन इस मामले में सख्ती से कार्रवाई करेगा? क्या दोषियों पर कानूनी शिकंजा कसेगा? और क्या यह मामला अन्य लोगों के लिए सबक बनेगा? इन सभी सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिलने की उम्मीद है।
गालूडीह के दारिसाई गांव में सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण का यह मामला प्रशासन की तत्परता और ग्रामीणों की जागरूकता का परिणाम है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस पर कितनी जल्दी और सख्ती से कार्रवाई करता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
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