Buntwal Raid: फर्जी ED अधिकारियों ने कारोबारी से 30 लाख रुपये ठगे, जानिए पूरी कहानी

कर्नाटक के बंटवाल में फर्जी ED अधिकारियों ने कारोबारी से 30 लाख रुपये ठगे। पढ़िए पूरी जानकारी और जानिए कैसे ठगों ने अपनी चाल चली और धोखाधड़ी को अंजाम दिया।

Jan 6, 2025 - 20:34
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Buntwal Raid: फर्जी ED अधिकारियों ने कारोबारी से 30 लाख रुपये ठगे, जानिए पूरी कहानी
Buntwal Raid: फर्जी ED अधिकारियों ने कारोबारी से 30 लाख रुपये ठगे, जानिए पूरी कहानी

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बंटवाल तालुका में एक दिलचस्प और हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक फर्जी ED टीम ने एक कारोबारी से 30 लाख रुपये की ठगी कर ली। यह घटना बंटवाल के कोलनाडू इलाके की है, जहां 'मंगलुरु सिंगारी बीड़ी वर्क्स' के मालिक हाजी एन सुलेमान को ठगों ने अपने जाल में फंसाया।

कैसे फर्जी ED टीम ने दिया धोखा?
3 जनवरी को छह ठगों का एक समूह सुलेमान के घर पहुंचा और खुद को ED (प्रवर्तन निदेशालय) का अधिकारी बताकर घर की तलाशी लेने का दावा किया। ठगों ने दावा किया कि उनके पास तलाशी का सर्च वारंट भी है और इस दौरान वे घर में मौजूद लोगों से बात नहीं करने देंगे। इसके बाद, उन्होंने घर में रखे 5 मोबाइल फोन भी अपने कब्जे में ले लिए।

तलाशी के दौरान एक ठग ने सुलेमान से उनके कमरे की तलाशी लेने के लिए कहा, जहां उन्होंने 30 लाख रुपये रखे थे। ठगों ने यह कहते हुए कि इतनी बड़ी रकम घर में रखना अवैध है, पैसे जब्त कर लिए और सुलेमान से कहा कि उन्हें इन पैसों को वापस पाने के लिए संबंधित दस्तावेज बेंगलुरु स्थित ED ऑफिस में दिखाने होंगे।

ठगों का जाल: पैसे, मोबाइल और गहने तक लूटे!
ठगों ने करीब ढाई घंटे तक सुलेमान के घर में समय बिताया। इसके बाद उन्होंने सोने के गहनों को भी अपने कब्जे में ले लिया, लेकिन बाद में गहने वापस कर दिए। ठगों ने सुलेमान से यह भी कहा कि वे 30 लाख रुपये जब्त कर रहे हैं और उन्हें पैसों को वापस पाने के लिए संबंधित दस्तावेज लेकर ED कार्यालय जाना होगा।

इसके बाद ठग पैसे और मोबाइल लेकर अपनी कार में सवार हो गए और सुलेमान को अपनी कार के पीछे आने के लिए कहा। सुलेमान और उनका बेटा ठगों का पीछा करते हुए कार के पीछे-पीछे जा रहे थे, लेकिन कुछ दूरी तय करने के बाद ठगों की कार ने उनका पीछा छोड़ दिया और दोनों को यह नहीं पता चला कि ठगों की गाड़ी कहां गई।

पुलिस ने खोल दी ठगों की सच्चाई
कुछ समय बाद जब सुलेमान और उनके बेटे को ठगों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली, तो उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने जांच शुरू की और पता चला कि जिन लोगों ने सुलेमान से पैसे ठगे थे, वे ED के असली अधिकारी नहीं थे। पुलिस के मुताबिक, ठगों ने वॉकी-टॉकी और राइटिंग पैड का इस्तेमाल किया था, जो एक अधिकारी की पहचान में आमतौर पर होते हैं। इसके अलावा, ठगों ने ब्रांडेड और अच्छे कपड़े पहने थे, जिससे उनका भरोसा करना और भी आसान हो गया।

पुलिस ने मामला दर्ज किया
पुलिस ने इस ठगी की घटना के बाद विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और ठगों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने यह भी बताया कि ठगों के पास जो नकली दस्तावेज थे, वह पूरी तरह से धोखाधड़ी को बढ़ावा देने के लिए तैयार किए गए थे।

ऐसी ठगी से कैसे बचें?
यह घटना बताती है कि ठग अब और भी सुलझे हुए तरीके अपनाने लगे हैं। ऐसे में किसी भी सरकारी अधिकारी या विभाग के अधिकारी द्वारा आपसे संपर्क करने पर सतर्क रहना चाहिए। किसी भी दस्तावेज़ या सर्च वारंट को अच्छी तरह से जांचें और बिना किसी संदेह के न कुछ दें और न ही किसी को अपने घर में प्रवेश करने दें। किसी भी धोखाधड़ी का शिकार होने से बचने के लिए अपनी जानकारी और दस्तावेज़ की सुरक्षा का ध्यान रखें।

ठगी के जाल में फंसने से बचें
कर्नाटक के बंटवाल की इस घटना ने यह साबित कर दिया कि ठग अब अत्यधिक शातिर तरीके अपनाने लगे हैं। उन्होंने सरकारी अधिकारियों की छवि का इस्तेमाल कर एक कारोबारी से बड़ी रकम ठग ली। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, और यह घटना हमें यह सिखाती है कि हमें किसी भी अनजान व्यक्ति या दस्तावेज़ से सतर्क रहना चाहिए।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।