Jamshedpur Meeting: शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन एक्शन मोड में, स्कूलों की स्थिति सुधारने का बड़ा वादा
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने पदभार संभालते ही एक्टिव मोड में जमशेदपुर का दौरा किया। ड्रॉपआउट छात्रों की समस्या और सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के विस्तार पर दिए खास निर्देश।
जमशेदपुर: पदभार संभालते ही झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। शुक्रवार को जमशेदपुर परी सदन में आयोजित विभागीय अधिकारियों की बैठक और साकची स्थित सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के दौरे ने उनकी प्राथमिकताओं को स्पष्ट कर दिया।
उन्होंने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और स्कूलों की स्थिति को सुधारने के लिए बड़े वादे किए। शिक्षा विभाग की त्रुटियों को सुधारने, शिक्षकों की नियुक्ति और ड्रॉपआउट छात्रों की समस्या पर ध्यान देने जैसे कई अहम मुद्दों पर उन्होंने गंभीरता दिखाई।
बैठक में हुए अहम फैसले
परी सदन में आयोजित बैठक में शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए:
- गुणवत्ता युक्त शिक्षा पर जोर:
छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी स्कूलों में शिक्षण पद्धति की समीक्षा की जाएगी। - 15 दिनों में सुधार का वादा:
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगले 15 दिनों के भीतर विभाग की सभी त्रुटियों को दूर कर दिया जाएगा। - ड्रॉपआउट छात्रों पर चिंता:
कई स्कूलों में ड्रॉपआउट छात्रों की बढ़ती संख्या को लेकर उन्होंने इसे एक बड़ी समस्या बताया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसके पीछे के कारणों की गहराई से जांच की जाए।
सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का दौरा
शिक्षा मंत्री ने साकची स्थित सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का दौरा किया। इस दौरे के दौरान उन्होंने कहा:
"यह मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। आने वाले पांच वर्षों में इसकी संख्या राज्य भर में 4,000 तक पहुंचाई जाएगी।"
उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य झारखंड के हर जिले में उत्कृष्ट शिक्षा प्रणाली की स्थापना करना है। इन स्कूलों में आधुनिक सुविधाएं और उन्नत पाठ्यक्रम छात्रों को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद करेंगे।
ड्रॉपआउट छात्रों की समस्या पर विशेष ध्यान
शिक्षा मंत्री ने दौरे के दौरान ड्रॉपआउट छात्रों की समस्या पर भी गहरी चिंता जताई।
- उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इन छात्रों के अभिभावकों से बातचीत करें और इसके पीछे की वजहों का विश्लेषण करें।
- इस डेटा को इकट्ठा करके समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
शिक्षकों की बहाली पर बड़ी घोषणा
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने यह भी घोषणा की कि जल्द ही नए शिक्षकों की बहाली की जाएगी। उन्होंने कहा:
"शिक्षकों की कमी को दूर करना हमारी प्राथमिकता है। योग्य शिक्षकों को बहाल कर हम झारखंड के शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाएंगे।"
क्या है सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का इतिहास?
सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस झारखंड सरकार का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिसे राज्य के मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में देखा जाता है।
- यह प्रोजेक्ट झारखंड के छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- इन स्कूलों को आधुनिक तकनीक, डिजिटल क्लासरूम और उन्नत पाठ्यक्रमों से लैस किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने इस परियोजना को समय से पूरा करने का आश्वासन दिया।
विभागीय त्रुटियों को दूर करने की प्राथमिकता
बैठक और दौरे के दौरान मंत्री ने शिक्षा विभाग में मौजूद खामियों को लेकर भी बात की।
उन्होंने कहा कि इन त्रुटियों को अगले 15 दिनों में सुधारने के लिए पूरी कार्य योजना तैयार की जा रही है।
लोगों की प्रतिक्रिया
अभिभावकों और छात्रों ने शिक्षा मंत्री के प्रयासों का स्वागत किया।
- अभिभावकों ने कहा:
"ड्रॉपआउट छात्रों की समस्या का समाधान झारखंड की शिक्षा को नई दिशा देगा।" - छात्रों का उत्साह:
"सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस हमारे भविष्य के लिए बड़ी उम्मीद है।"
क्या होगा अगला कदम?
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के सक्रिय दृष्टिकोण ने झारखंड के शिक्षा क्षेत्र में नई ऊर्जा भरी है।
क्या वे अपने वादों को पूरा कर पाएंगे, या यह भी अन्य घोषणाओं की तरह कागजों तक ही सीमित रह जाएगा?
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