Johair Event: सम्मानित महिलाओं ने बढ़ाया समाज का गौरव, कुड़मालि संस्कृति का अद्भुत नजारा

जोहाइर के आकुस हुरलुंग गांव में कुड़मालि परंपरा के प्रतीक सम्मान समारोह में समाजसेवियों और महिलाओं को सम्मानित किया गया। जानिए इस आयोजन का ऐतिहासिक महत्व।

Jan 17, 2025 - 13:23
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Johair Event: सम्मानित महिलाओं ने बढ़ाया समाज का गौरव, कुड़मालि संस्कृति का अद्भुत नजारा
Johair Event: सम्मानित महिलाओं ने बढ़ाया समाज का गौरव, कुड़मालि संस्कृति का अद्भुत नजारा

जोहाइर: आकुस हुरलुंग गांव महिला संयोजक समिति द्वारा एक ऐसा आयोजन हुआ जिसने समाज और संस्कृति को नए आयाम दिए। समिति की संयोजक माइनगरि नंदनी महतो पुनुरिआर की अगुवाई में चौउड़ल मिस्त्री माइनगर प्रकाश महतो हिन्द‌इआर को उनकी समाजसेवा के लिए सम्मानित किया गया। यह सम्मान कुड़मालि परंपरा के प्रतीक चिन्ह पिला गमछा, पिला धोती और पिला सट देकर दिया गया। इसी क्रम में उनकी जीवन संगिनी और आकुस की सक्रिय सदस्य माइनगरि मनिला महतो को भी पिला गमछा, पिला साड़ी और गुड़ पिठा के साथ मिठाई का डाला भेंट किया गया।

कुड़मालि परंपरा और इसके प्रतीक

कुड़मालि संस्कृति झारखंड और पूर्वी भारत की प्राचीन परंपराओं का प्रतीक है। पिला गमछा, पिला धोती और मिठाई भेंट करना समाज में सम्मान और अपनत्व का प्रतीक माना जाता है। इस आयोजन में इस परंपरा का पालन करते हुए यह संदेश दिया गया कि समाज के प्रति समर्पण हमेशा सराहनीय है।

सोशल मीडिया योद्धाओं का भी सम्मान

आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। समाज के प्रचार-प्रसार में योगदान देने वाले अमित महतो हिन्द‌इआर, विक्की महतो और दिनेश महतो को भी पिला गमछा देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान न केवल उनके कार्यों की सराहना थी, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने का एक प्रयास भी था।

कार्यक्रम में शामिल प्रमुख सदस्य

इस आयोजन को सफल बनाने में आकुस जिला पूर्वी सिंहभूम सह संयोजक प्रकाश महतो केटिआर, पूर्व जिला उपाध्यक्ष नमिता महतो हिन्द‌इआर, और अन्य प्रमुख सदस्यों जैसे संजय महतो टिड़ुआर, डॉ उदित महतो बानुआर, और समाजसेवी आनंद महतो बानुआर का योगदान सराहनीय रहा। इसके साथ ही ममता बाला महतो, गीता महतो, देवीका महतो, लक्ष्मी महतो, संगिता महतो, सुरज महतो, गोपीनाथ महतो, राजीव महतो, और महादेव महतो जैसे अन्य सदस्यों ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी से कार्यक्रम को सफलता दिलाई।

कुड़मालि संस्कृति और इतिहास का महत्व

कुड़मालि संस्कृति झारखंड और आसपास के क्षेत्रों की एक ऐतिहासिक धरोहर है। यह परंपरा न केवल सामाजिक एकता को मजबूत करती है बल्कि नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का भी काम करती है। इस तरह के आयोजन इस बात का प्रमाण हैं कि हमारी परंपराएं आज भी जीवित हैं और समाज को जोड़ने का काम कर रही हैं।

संस्कृति और समाज सेवा का संदेश

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज और संस्कृति को बढ़ावा देना था। सम्मान समारोह ने यह संदेश दिया कि समाजसेवा और परंपराओं को सहेजना दोनों ही आवश्यक हैं। माइनगरि नंदनी महतो पुनुरिआर ने कहा, "हमारी संस्कृति हमारी पहचान है, और इसे सहेजने के लिए हर किसी को अपना योगदान देना चाहिए।"

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।